गुरुवार के दिन, ‘राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(आरएलएसपी)’ के मुख्य उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र में शासित भाजपा और बिहार में सत्ता में मौजूद नितीश कुमार की ‘जनता दल(यूनाइटेड)(जेडीयू)’ पर जमकर निशाना साधा है। एक घंटे से ज्यादा के दिए भाषण में, कुशवाहा ने कहा कि क्योंकि भाजपा इस वक़्त केंद्र में मौजूद है तो उन्हें मंदिर बनाने की बजाय राज्य के लोगो को शिक्षित करने के लिए स्कूल बनाने चाहिए।
बिहार के चम्पारन में एक पब्लिक मीटिंग के दौरान, बेहतर शिक्षा की मांग पर बात करते हुए कुशवाहा ने आगे कहा कि राज्य के पास गुणवान अध्यापको की कमी है और जेडीयू सरकार ने उनके 25-पॉइंट चार्टर को जो लोगो की शिक्षा के लक्ष्य से बनाया गया था, उसे पूरी तरह से नज़रंदाज़ कर दिया है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि वे मुख्यमंत्री के द्वारा उन्हें ‘नीच’ बुलाये जाने वाली बात को भी भुलाने के लिए तैयार हैं अगर मुख्यमंत्री जी, उनकी राज्य में शिक्षा स्तर को सुधारने वाली मांग को मान ले तो।
राष्ट्रपिता #महात्मा_गांधी जी की कर्मभूमि #चंपारण से श्री @UpendraRLSP जी।
"हित-वचन नहीं तूने माना,
मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूँ,
अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।
याचना नहीं, अब रण होगा,
संघर्ष बड़ा भीषण होगा ।"#BabasahebAmbedkar #MahaparinirvanDiwas pic.twitter.com/3h1eRhQUFf— Rashtriya Lok Morcha (@RLMofIndia) December 6, 2018
कुशवाहा और नितीश कुमार पहले अच्छे दोस्त थे मगर मगर उनकी दोस्ती में दूरियां तब आई जब कुशवाहा ने भाजपा के सामने सीट बटवारे को लेकर 30 नवम्बर की आखिरी तारिख रखी मगर उन्हें उसका कोई जवाब नहीं मिला। ये सीट बटवारा, “नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स पार्टनर्स” के बीच बिहार में किया जा रहा था।
2014 के लोकसभा चुनावों में आरएलएसपी ने चार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था और उन्हें तीन सीटो पर जीत हासिल हुई थी। मगर 2015 के विधानसभा चुनावो में, कुशवाहा की 23 सीटो पर लड़ने के बाद भी उन्हें 21 सीट मिली। 2019 के लोक सभा चुनावो के लिए कुशवाहा दूसरे नेताओ से गठबंधन बनाने के ऊपर विचार कर रहे हैं।
राजनीतिक पार्टियों का कार्य जनहित सम्बंधित मुद्दों को सुलझा कर देश और राज्यों की विकास की पटरी पर लाना होना चाहिए, न कि मंदिर-मस्जिद में उलझना। @UpendraRLSP pic.twitter.com/ECccazDybZ
— Rashtriya Lok Morcha (@RLMofIndia) December 7, 2018
सूत्रों की माने तो, कुशवाहा इस वक़्त जेडीयू से निष्काषित नेता शरद यादव से गठबंधन को लेकर बातचीत कर रहे हैं। यादव इस वक़्त, ‘लोकतान्त्रिक जनता दल’ के संरक्षक हैं। शरद यादव को जेडीयू से इसलिए निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने नितीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन बनाने के फैसले का विरोध किया था।
आरजेडी ने भी कुशवाहा के साथ मीटिंग कर कहा है कि वे कम सीटो पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं अगर इससे नए साझेदारों के लिए और अधिक जगह बनने की अनुमति मिलती है तो।