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    वेंकैया नायडू और गोपालकृष्ण गाँधी

    देश के 15वें उपराष्ट्रपति चुनावों के लिए आज मतदान जारी है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार 713 सांसद मतदान कर चुके हैं। यह कुल मतों का 90.83 फ़ीसदी है। गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ राज्यसभा सांसद वेंकैया नायडू को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने महात्मा गाँधी के पौत्र और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गाँधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वेंकैया नायडू पिछले 4 कार्यकालों से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्हें राजनीति का अच्छा-खासा अनुभव प्राप्त है। वहीं गोपालकृष्ण गाँधी गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि से आते हैं और सक्रिय राजनीति में उनकी कोई भूमिका नहीं रही है। वेंकैया नायडू इससे पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में भी बतौर मंत्री कार्य कर चुके हैं और मोदी सरकार की कैबिनेट में भी बतौर मंत्री कार्यरत थे। गोपालकृष्ण गाँधी 1968 बैच के आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं और केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। यह जंग ‘बापू के पौत्र बनाम संघ के सिपाही’ के तौर पर भी देखी जा रही है।

    अगर आंकड़ों पर गौर करें तो एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू का उपराष्ट्रपति बनना तय है। वेंकैया नायडू को अनुमानतः गोपालकृष्ण गाँधी की डेढ़ गुना मत मिलने की सम्भावना है। भाजपा और सहयोगी दलों के पास दोनों सदनों को मिलाकर कुल 425 सदस्य हैं और अप्रत्यक्ष सहयोगियों के तौर पर कुछ दलों और निर्दल सांसदों के जुड़ने की सम्भावना हैं। वहीं यूपीए के पास कुल 230 सदस्य हैं और जेडीयू, एनसीपी और अन्य सहयोगी दलों का समर्थन मिलने पर यह संख्या बढ़कर 262 तक पहुँच जाएगी।

    रेखा, सचिन और हेमा मालिनी

     

    अभी तक मिली जानकारी के अनुसार कई दिग्गज नेताओं और हस्तियों ने वोटिंग में हिस्सा लिया। नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, मनमोहन सिंह और राहुल गाँधी ने मतदान किया वहीं भाजपा से नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ और राजनाथ सिंह ने भी मताधिकार का प्रयोग किया। महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम, ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी और मशहूर अदाकारा रेखा ने भी वोटिंग की।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।