महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन की अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही हैं और उसका एक संकेत बुधवार को एक समारोह के दौरान देखने को मिला जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने हाथ मिला कर एक दूसरे का अभिवादन किया और विपक्षियों ने इसे ‘चुनावी चाल’ बता दिया।
बाल ठाकरे की 93 वीं जयंती पर, दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से भगवान गणेश की पूजा की और दादर क्षेत्र के शिवाजी पार्क में स्मारक स्थल पर ‘वास्तु पूजन’ किया।
अभी तक तो सेना ने अपने सहयोगी भाजपा को राफेल, राम मंदिर, कृषि संकट और बढ़ते पेट्रोल के दाम को लेकर केंद्र और राज्य में बहुत घेरा है और दोनों ने आगामी चुनावों में अकेले लड़ने की घोषणा भी कर दी है।
फडणवीस ने उनकी और उद्धव की तस्वीरों को भी ट्वीट किया जिसमें अनुष्ठान में भाग लेते हुए सेना के संस्थापक बाल ठाकरे के लिए एक स्मारक के निर्माण की शुरुआत हुई। और सूत्रों के मुताबिक, ‘भूमि पूजन’ में पीएम मोदी को आमंत्रित करने की भी उम्मीद है।
Some glimpses from the Mayor’s Bungalow ceremony : pic.twitter.com/H9HTx3Bd3U
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) January 23, 2019
वहाँ मौजूद सेना के एक विधायक ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच चाय पर चर्चा तो हुई थी मगर उसमे कुछ भी राजनीतिक नहीं था।
उन्होंने कहा-“मुख्यमंत्री और अन्य भाजपा नेता उद्धवजी और उनके परिवार की उपस्थिति में बहुत सहज थे।” उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि वे “एक परिवार के सदस्य” थे।
इस समारोह में बीजेपी और शिवसेना के कई नेता, शहर के मेयर विश्वनाथ महाडेश्वर, बृहन्मुंबई महानगरपालिका प्रमुख अजॉय मेहता और भाजपा सांसद पूनम महाजन सहित बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक न्यास के सदस्य उपस्थित थे।
मंगलवार को, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बालासाहेब ठाकरे के स्मारक के निर्माण के लिए 100 करोड़ रूपये की अनुमति दी थी जिसका काम अगले महीने से शुरू होगा। इस कदम को आगामी चुनावों से पहले सहयोगी दल तक पहुँचने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।
BMC Commissioner Ajoy Mehta hands over Mayor’s bungalow possession letter to Balasaheb Thackeray National Memorial Committee in presence of CM @Dev_Fadnavis and Uddhav in Mumbai.
Many Ministers were also present. pic.twitter.com/fSAa1W6R0P— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) January 23, 2019
सेना ने पिछले साल कहा था कि राज्य सरकार के इस कदम से चुनावी संभवनाओं पर कोई असर नहीं होगा और वे अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।
इस दौरान, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा-“सेना के पास इतना पैसा होने के बावजूद भी वे सरकार और जनता के पैसे का इस्तेमाल कर रही है जिसकी कोई जरुरत नहीं थी। भाजपा केवल चुनाव से पहले सेना को रिझाने की कोशिश कर रही है। स्मारक से ज्यादा, भाजपा को चुनाव की चिंता है।”
एनसीपी नेता चित्रा वाघ ने कहा-“सेना ने हमेशा भाजपा को नीचा दिखाया है। हालांकि अब चुनाव आ रहे हैं तो दोनों ने महसूस किया कि अगर वे साथ नहीं आये तो नष्ट हो जाएँगे। इसलिए स्मारक के नाम पर ड्रामा कर रही है।”
इस दौरान, सेना अभी भी भाजपा-विरोधी भाषण में लगी हुई और अपने एडिटोरियल में लिखती है-“पाकिस्तानी सीमा पर हमला कर रहे हैं, कश्मीर में सैनिक मर रहे हैं। हालांकि, हम सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेकर अपना ‘जोश’ दिखा रहे हैं।”