लखनऊ, 18 जून (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रेस विज्ञप्तियों को संकृस्त भाषा में जारी करने का फैसला किया है। राज्य सूचना विभाग में अभी तक हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में ही प्रेस विज्ञप्तियां जारी की जाती थीं।
सूचना विभाग के निदेशक शिशिर सिंह ने बताया कि इससे संस्कृत भाषा को बढ़ावा मिलेगा और संस्कृत के विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन होगा।
उन्होंने बताया, “अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण व सरकारी फैसलों की सूचना संस्कृत भाषा में भी मिलेगी। इसके पहले नीति आयोग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए भाषण को संस्कृत में जारी किया गया था। भाषणों व सूचनाओं की जानकारी संस्कृत में अनुवाद करने के लिए लखनऊ स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान की मदद ली जाएगी।”
मुख्यमंत्री योगी ने मामले पर सोमवार को एक बयान में कहा था, “संस्कृत भाषा भारत के डीएनए में है। इसका उपयोग धार्मिक कार्यो में किया जाता है। जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। भाषा को लेकर भारत में एक अलग ही माहौल देखा जा रहा है। अब भाषा को लेकर ही उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई पहल की है।”
योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट में संस्कृत शिक्षा पर जोर देने की बात कही थी और धनराशि का आवंटन किया था। प्रदेश सरकार ने संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 314़ 51 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार ने संस्कृत पाठशाला को आर्थिक सहायता के लिए 242 करोड़ रुपये के साथ संस्कृत स्कूलों और डिग्री कॉलेजों के लिए भी 30 करोड़ रुपये सहायता राशि जारी की है।
योगी सरकार ने 21 करोड़ रुपये का प्रावधान काशी विद्यापीठ में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया। इसके साथ ही 21़ 51 करोड़ रुपये का प्रावधान सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के लिए किया गया है।