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    उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया

    कोरिया राष्ट्र के दोनों नेताओं ने अपनी दोस्ती को धार देने के लिए सीमा से बारूदी सुरंगों को हटाने का निर्णय लिया है। इस खबर की पुष्टि करते हुए सीओल ने कहा कि उपजे सैन्य विवादों में ढिलाई बरतने का यह समझौता शिखर सम्मलेन का एक भाग था।

    युद्ध के खतरे से बाहर निकलकर दोनों देशों के प्रमुखों ने पिछले माह पियोंगयांग में बैठक की थी। इस वार्ता में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने शिरकत की थी। संबंधों को धार देने के लिए दोनों देशों के प्रमुखों के बीच इस साल की यह तीसरी मुलाकात थी।

    दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 20 दिनों तक बारूदी सुरंगों को बंद करने के लिए इस इलाके (साझा सुरक्षा क्षेत्र) में कार्य होगा। लेकिन उत्तर कोरिया ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। जेएसए में दोनों देशो के बीच तनातनी का माहौल रहता है। इस इलाके को दोनों राष्ट्रों की बातचीत के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

    युद्ध के समय और युद्धविराम के बाद 800000 माइंस का जाल बिछाया गया था ताकि दुश्मन की घुसपैठ से बचा जा सके। उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण मुद्दे पर अलग-थलग करने पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने किम जोंग उन का बचाव किया था।

    बीते माह दोनों देशों के मध्य हुए सम्मलेन में किम जोंग उन और मून जे इन ने इस साल के अंत तक बॉर्डर से सेना  की चौकी हटाने पर रजामंदी दी थी। साथ ही नवम्बर में बॉर्डर पर सैन्य ड्रिल कराने के लिए हामी भरी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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