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    गोलन हाइट्स पर इजराइल का दावा

    गोलन हाइट्स को सीरिया के भूभाग के तौर पर मान्यता देने के लिए ईरान ने शनिवार को अमेरिका के निर्णय की आलोचना की है। इराकी संसदीय सम्मेलन में ईरानी संसदीय प्रतिनिधि के प्रमुख अलएद्दीन बोरोजर्दी ने कहा कि “गोलन हाइट्स पर अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्णय का ईरान सख्ती से निंदा करता है।”

    अमेरिका की मंज़ूरी

    बगदाद में शनिवार को इराकी संसदीय सम्मेलन का आयोजन हुआ था। 26 मार्च को वांशिगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति ने गोलन को सीरिया के संप्रभु में शामिल करने के आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए थे। इस फैसले की वैश्विक जगत में काफी आलोचनाएं हुई थी।

    अमेरिका में इस दौरान इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद थे जो पांचवी दफा देश की प्रधानमंत्री की कुर्सी की तरफ बढ़ रहे हैं। इस ऐलान के बाद सीरिया और इजराइल के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। अमेरिकी निर्णय के खिलाफ सीरिया की सड़को पर प्रदर्शन किया गया था।

    साल 1967 में छह दिनों के युद्ध के बाद इजराइल ने गोलन हाइट्स पर कब्ज़ा कर लिया था और आधिकारिक तौर पर साल 1981 में अपना आधिपत्य स्थापित किया था। इजराइल के कब्जे को वैश्विक समुदाय ने मान्यता नहीं दी थी। इजराइल का गोलन पर बस्तियों की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है।

    इससे पूर्व एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक हसन रूहानी ने कहा कि “अमेरिका गोलन पर अंतर्राष्ट्रीय नियमों को कुचल रहा है। ईरानी जनता को भी इसका विरोध करना चाहिए और इस इजराइल और अमरीका पर हमारी जीत होगी।” ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जरीफ ने कहा कि “यह फैसला अरब और मुस्लिम देशों के लिए याद दिलाने वाला है कि अमेरिका और इजराइल आपकी जमीन हथिया लेंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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