सरकार और आरबीआई के बीच की तकरार के मुख्य पहलू से पर्दा उठाते हुए आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चन्द्र गर्ग ने शुक्रवार को बताया है कि “सरकार की राजकोषीय गणित सही राह पर है।” ऐसे में आरबीआई से 3.6 लाख करोड़ रुपये की माँग करने का सरकार के पास कोई प्रस्ताव ही नहीं है।
गर्ग के अनुसार आरबीआई पर कोई भी दबाव नहीं है। अगर सरकार ने आरबीआई के सामने कोई प्रस्ताव रखा है तो वो ये हैं कि देश आर्थिक व मौद्रिक ढांचे को सही ढंग से व्यवस्थित किया जाये।
इसके लिए गर्ग ने ट्वीट कर कहा है कि “मीडिया में बहुत सी गलत सूचनाएँ प्रसारित हो रहीं है, सरकार की राजकोषीय गणित बिलकुल सही है। सरकार की तरफ से आरबीआई को 3.6 लाख करोड़ या 1 लाख करोड़ रुपये की माँग जैसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है, जैसा बताया जा रहा है..”
Lot of misinformed speculation is going around in media. Government’s fiscal math is completely on track. There is no proposal to ask RBI to transfer 3.6 or 1 lakh crore, as speculated. (continued…).
— Subhash Chandra Garg (@Subhashgarg1960) November 9, 2018
वहीं गर्ग के अनुसार सरकार देश के राजकोषीय घाटे को लेकर इस वित्तीय वर्ष अपने 3.3 प्रतिशत के लक्ष्य को पा लेगी।
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इसी बीच केंद्रीय बैंक ने इस वर्ष सरकार को 30,659 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है। हालाँकि आरबीआई ने पिछले वर्ष सरकार को 65,876 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था। इस तरह इस वर्ष केंद्रीय बैंक ने पिछले वर्ष की तुलना में लगभग आधा लाभांश ही दिया है।
मालूम हो कि इस समय केंद्र और आरबीआई के बीच तेज़ तकरार चल रही है, जिसमें आरबीआई ने केंद्र के ऊपर उनकी स्वतन्त्रता को खंडित करने का इरादा रखने का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी ओर आरबीआई की ओर से की गयी बयानबाज़ी को लेकर वित्त मंत्रालय भी आरबीआई से खफा है।
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