आरबीआई और केंद्र के बीच चल रही तल्खी के बीच सुब्रमण्यम स्वामी ने आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल का पक्ष लिया है। मालूम हो कि वर्तमान में केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच एक तकरार का माहौल बना हुआ है। इसी के चलते दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि 2016 में सुब्रमण्यम स्वामी ने देश के आर्थिक हालातों के लिए तत्कालीन आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की आलोचना की थी। लेकिन वर्तमान में आरबीआई और केंद्र के बीच चल रहे घमासान को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए उर्जित पटेल का समर्थन किया है-
If RBI governor resigns then it is a direct consequence of FM blaming him publicly yesterday for NPAs. Patel is a self respecting scholar of economics(Ph.D in Banking from Yale). He should be persuaded to stay.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 31, 2018
स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि “यदि आरबीआई के गवर्नर इस्तीफा देते हैं तो यह वित्त मंत्रालय द्वारा एनपीए के लिए उन्हे सार्वजनिक तौर पर दोषी ठहराए का परिणाम होगा। पटेल अर्थशास्त्र के विद्वान हैं (येल यूनिवर्सिटी से बैंकिंग में पीएचडी). उन्हे पद में बने रहने के लिए मनाया जाना चाहिए।”
मालूम हो कि केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच तल्खी और बढ़ गयी थी जब आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह कहा था कि केंद्रीय बैंक की स्वतन्त्रता को खत्म करना देश के लिए ‘संभावित आपदजनक’ हो सकता है।
इसी के साथ देश केवित्त मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र आरबीआई की स्वांतंत्रता का सम्मान करती है।
केंद्र सरकार पर आरबीआई ने यह आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार एक ओर जहां उस पर अपनी नीतियों को लचीला बनाने का दबाव बना रही है, वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्रालय आरबीआई के खजाने का इस्तेमाल देश के कर्ज को चुकाने में करना चाहता है।
वहीं मोदी सरकार के सलाहकार बिबेक देबरॉय ने मिंट अखबार से कहा है कि देश की मौद्रिक नीतियों को देश की आर्थिक नीतियों से बिलकुल अलग नहीं किया जा सकता है, इस तरह से आरबीआई पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हो सकती है।”