आयुष्मान ख़ुराना इस समय सफलता के चरम पर हैं उनकी फिल्में एक के बाद एक सुपरहिट होती जा रही हैं पर वह हमेशा जमीन से जुड़े रहते हैं और इसमें उनकी मदद करती है उनकी थिएटर पृष्टभूमि और सामान्य लोगों से मुलाक़ात।
आयुष्मान खुराना ने क्विंट को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में अपनी सफलता और वह क्या चीज़ है जो इस सफलता को उनके सर पर चढ़ने से रोकती है के बारे में बताया।
आयुष्मान ने कहा कि, “मैं ऐसे लोगों के बहुत करीब हूँ जो आम लोग हैं और फ़िल्मी बैकग्राउंड से उनका कोई वास्ता नहीं है। चंडीगढ़ में मेरा एक थिएटर है जहाँ मैं हर साल जाता हूँ और वर्कशॉप लेता हूँ। मेरे कॉलेज के जूनियर्स बहुत साधारण लोग हैं। उनके साथ 7 दिन बिताना और रोज़ एक घंटे के लिए चाय और समोसा खाना मुझे एक अलग दृष्टीकोण देता है। थिएटर पृष्टभूमि मुझे जमीन से जुड़े रहने में मदद करती है।
आयुष्मान ने बताया कि एक स्टार होने के बावजूद भी उन्हें साधारण आदमी का किरदार निभाने में कठिनाई नहीं होती है। आयुष्मान ने कहा कि, “मैं अपने किरदार को जितना संभव हो सके असली बनाए रखने की कोशिश करता हूँ। और यह ज्यादा कठिन नहीं है। दरअसल यह आप ही पर निर्भर करता है।”
आयुष्मान खुराना ने यह माना कि स्टार बन जाने के बाद भी जमीन से जुड़े रह पाना कठिन होता है पर आयुष्मान सफलता को अपने सर पर चढ़ने नहीं देते हैं।
आयुष्मान ने कहा कि, “यह आपकी अपनी भलाई के लिए है, जितनी जल्दी हो सके आपको जमीन पर आ जाना चाहिए और समझदारी से काम लेना चाहिए। हालांकि यह आसान नहीं है।
मेरी लगातार दोनों फ़िल्में सुपरहिट रही हैं और 150 करोड़ क्लब में जाने वाली हैं। यह सब मेरे लिए नया और अद्भुत है इसके साथ ही यह समय ऐसा भी है कि मैं समझदारी दिखाऊं।”