अपराधी आनंदपाल के एनकाउंटर पर उपजा विवाद आज 19 दिन बाद भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य सरकार के लाख दावों के बाद भी स्थिति नियंत्रण से बाहर है। लाखों का जनसैलाब आज एक अपराधी के पक्ष में लामबंद क्यों हो गया है, ये चर्चा का विषय बना हुआ है। ताजा ख़बरों के अनुसार,सांवराद में, बुधवार रात आनंदपाल की श्रद्धांजलि सभा के बाद हालात अचानक बेकाबू हो गए। उग्र भीड़ ने रेलवे स्टेशन पर कब्जा कर लिया और पटरियां उखाड़ दी। भीड़ की पुलिसकर्मियों से भी झड़प हुई जिसमें तकरीबन 20 लोगों के चोटिल होने की खबर है।
उग्र भीड़ को समझाने पहुंचे पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख की कार को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया और उनके गनमैन की एके -47 राइफल लेकर फरार हो गए। पुलिस अधीक्षक के आंशिक रूप से चोटिल होने की खबर है। दो अन्य जवानों से भी राइफल छीनने की खबर है। बिगड़ते हालात के मद्देनजर सांवराद में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जिले के शेष इलाकों में तत्काल प्रभाव से धारा-144 लागू कर दी गई है। प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है।
जयपुर के रास्ते पर सुरक्षा व्यवस्था चौकस
बुधवार रात हालात बिगड़ने के बाद राजधानी जयपुर में सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दी गई है। आनंदपाल के गृहनगर और आस-पास के इलाकों से आने वाले मार्गों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। नागौर और चूरू से आने वाले वाहनों की गहन जाँच की जा रही है।
हालात पर चर्चा
देर रात गृहमंत्री गुलाबचंद्र कटारिया ने पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट से अपने दफ्तर में मुलाकात की और मौजूदा हालातों का जायज़ा लिया। सभी आला अधिकारियों से मिलकर मौजूदा हालात से निपटने की रणनीति बनाई गयी।
श्रद्धांजलि सभा आयोजक दल के नेता हिरासत में
श्रद्धांजलि सभा आयोजक दल के प्रमुख नेताओं को शांति भंग करने के आरोप में देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार नेताओं में करणी सेना संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी,सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, पूर्व विधायक रणवीर गुढ़ा और पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के नाम शामिल हैं। उन्हें सभा की इजाजत इसी शर्त पर दी गयी थी कि वह शांति व्यवस्था कायम रखेंगे। गृहमंत्री का कहना है कि भीड़ को भड़काने का कार्य भड़काऊ भाषणों ने किया।