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    राम जन्मभूमि विवाद

    अयोध्या में चल रहे राम-जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर आज बड़ा फैसला हो सकता था। दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच इस केस पर सुनवाई करेगी। सुनवाई से कुछ दिन पहले ही सिया बोर्ड ने कहा था कि मस्जिद कहीं और भी बन सकता है और उन्होंने 70 साल पुरानी सुन्नी वक्फ बोर्ड के पक्ष में दिए ट्रायल कोर्ट के फैसले को भी चुनौती दी है।

    जाहिर है अयोध्या में राम-जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद सदियों से चला आ रहा है। 18वी सदी में पहली बार इस मुद्दे पर हिंसा भड़की थी। उसके बाद से ही यह मुद्दा दोनों समाजों के बीच लगातार तनाव का कारण बनता आ रहा है। 1992 में इस केस में बड़ा मोड़ तब आया जब संघ के कार्यकर्ताओं ने ढांचे को गिरा दिया था। इसके बाद से ही यह केस लगातार कोर्ट में चल रहा है। दरअसल आज से करीबन 70 साल पहले ट्रायल कोर्ट ने विवादित जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंप दी थी। इसके बाद अभी कुछ दिन पहले शिया बोर्ड ने कहा था कि मस्जिद कहीं और बनाया जा सकता है और उन्हें विवादित छेत्र से थोड़ी दूर ज़मीन मुहैया करा दी जाए। इस फैसले के साथ ही शिया बोर्ड ने सुन्नी बोर्ड के पक्ष में दिये फैसले को भी चुनौती दी है और ज़मीन को लेकर बड़ा फैसला कर दिया।

    इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जज दीपक मिश्रा की अगुवाई में एक तीन जजों की बेंच का गठन किया है जो इस मुद्दे पर आज सुनवाई करेगी। यह सुनवाई अलाहाबाद हाई कोर्ट के दिए फैसले और विवादित ज़मीन के मालिकाना हक़ को लेकर सुनवाई करेगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।