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    भारतीय एच 1-बी वीजा

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद से ही अमेरिका में प्रवादी नीति को सख्त बनाया जा रहा है। खबरों के मुताबिक जिसका सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ रहा है। लेकिन अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में तीन-चौथाई विजाधारक भारतीय नागरिक हैं।

    यूएस सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विस के आंकड़ों के अनुसार 5 अक्टूबर तक अमेरिका में 419637 विदेशी कर्मचारी कार्यरत हैं। जिसमें 309986 विदेशी कर्मचारी भारतीय नागरिक हैं।

    इस रिपोर्ट के मुताबिक चार में से एक वीजा धारक महिला है। इन आंकड़ों में लिंग असमानता पाई गई है। इन आंकड़ों में मात्र 25.3 फीसदी महिलाएं हैं जबकि 74.3 फीसदी पुरूष है। भारतीयों में बहुत ज्यादा लिंग असमानता पाई गई है।

    भारत के बाद चीन, कनाडा और दक्षिण कोरिया के नागरिक इस सूची में हैं। अमेरिका में चीन की 45.2 प्रतिशत महिलाएं वीजा धारक है जबकि 54.5 प्रतिशत पुरुष नागरिकों के पास अमेरिस वीजा है। चीनी नागरिकों में भारतीयों के मुकाबले लिंगानुपात बेहद कम है।

    अधिकतर देशों के नागरिकों को एक फीसदी से भी कम अमेरिकी वीजा धारक हैं। फिलीपीन्स वीजा धारकों की सूची में शीर्ष दस में शामिल है। आंकड़ों के मुताबिक फिलीपीन्स की 52.7 प्रतिशत महिलाएं अमेरिका के वीजा धारक हैं जबकि जबकि 46.3 फीसदी पुरुषों के समक्ष ही अमेरिका का वीजा हैं। फिलीपीन्स के अधिकतर नागरिक एच-1 बी वीजा पर अमेरिका में नौकरियां कर रहे हैं।

    हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रवासी नीति में परिवर्तन करने की बात कही थी। साल 2019 से नई प्रवासी नीति लागू की जाएगी। ट्रम्प प्रशासन ने नई नीति में एच-1 बी वीजा की परिभाषा में परिवर्तन किया है साथ ही कर्मचारी का उसके बॉस से रिश्तों की परिभाषा में भी बदलाव किया है।

    डोनाल्ड ट्रम्प के मुताबिक इन नीतियों में परिवर्तन से वे दुनिया के बेहतरीन कर्मचारियों को आकर्षित करेंगे। जो अमेरिका के विकास में योगदान देगा। अमेरिका दुनिया के बेहतर में से बेहतरीन को अपने यहाँ रोजगार देने चाहता है।

    यूआइसीआईएस ने विदेशी छात्रों को अमेरिका में पूर्व पंजीकरण प्रणाली का प्रस्ताव भी दिया है। इसके बाद 85000 छात्रों के बाद अमेरिका के वीजा के लिए आवेदन नहीं किया जा सकेगा।

    हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने योग्यता के आधार पर विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में नियुक्त करने का बयान दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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