Sat. May 4th, 2024
    hasan rouhani and donald trump

    संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद् ने सोमवार को खाड़ी में तनाव को कम करने के लिए वार्ता और उपायों का आग्रह किया है।हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने नए प्रतिबंधों को थोप दिया था तो ईरान ने बातचीत को खारिज कर दिया था। कुवैत में एक प्रेस स्टेटमेंट में परिषद् ने टैंकरों पर हालिया हमलो आलोचना की थी।

    उनके मुताबिक यह हमला वैश्विक ऊर्जा सप्लाई और अंतरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिए खतरा है। दो घंटो की मुलाकात के बाद परिषद् ने एक पर सहमति जाहिर की कि न सिर्फ ईरान बल्कि सभी पक्षों को सैन्य संघर्ष से पीछे हटना होगा। हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर नए सिरे के थोप दिया था।

    इन प्रतिबंधों में ईरान के सर्वोंच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई और आठ अन्य कमांडर्स थे। परिषद् ने अमेरिका के आग्रह पर परदे के पीछे मुलाकात की थी। ईरान के यूएन में राजदूत ने कहा कि “अमेरिका के साथ बातचीत के लिए अभी हालात परिपक्व नहीं हुए हैं।”

    राजदूत मजीद तख़्त रवांची ने कहा कि “आप ऐसे किसी के साथ वार्ता शुरू नहीं कर सकते हैं जो आपने भयभीत करता हो, जो आपको धमकाता हो और कहता हो कि वार्ता के लिए अभी माहौल तैयार नहीं हुआ है।”

    परिषद् ने कहा कि सभी सम्बंधित पक्षों और क्षेत्र के सभी देशों को अधिकतम संयमता बरतनी चाहिए और तनाव को कम करने के लिए उपायों और ठोस कदमो को उठाना चाहिए। परिषद् के सदस्यों ने मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके और बातचीत के जरिये सुलझाने की मांग की थी।

    इस बयान का ईरान के सहयोगी रूस और अमेरिका ने समर्थन किया था। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने अलग से  तनाव को कम करने और अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान करने की मांग की थी।

    ईरान के राजदूत ने पत्रकारों से कहा कि “अमेरिका को ईरानी आवाम के खिलाफ आर्थिक जंग को रोकना ही होगा और सुरक्षा पर क्षेत्रीय वार्ता के प्रस्ताव में परिवर्तन ही करना होगा। जितने लम्बे समय तक यह खतरा मौजूद रहेगा, तब तक ईरान और अमेरिका के बीच वार्ता को शुरू करने का कोई मार्ग नहीं है।”

    ईरान ने बीते हफ्ते अमेरिका के निगरानी ड्रोन को मार गिराया था और इसके बाद दोनों देशों के बीच सम्बन्ध बेहद बिगड़ गए थे। डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें ईरान पर हमले से 10 मिनट पूर्व ही इसे रोक दिया था। बैठक के दौरान अमेरिका ने सबूत पेश किये यही जिसके मुताबिक ओमान की खाड़ी में टैंकर हमले के पीछे ईरान है। जहाज में माइन को रखने के लिए ईरान ने गोताखोरों का इस्तेमाल किया था।

    तेहरान ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया था। अमेरिका के कार्यकारी राजदूत जोनाथन कोहेन ने कहा कि “एक मात्र ऐसा राज्य जिसके समक्ष क्षमता है और इस हमले को अंजाम देने का कारण है, ईरान है।” रूस ने इस बयान को ख़ारिज किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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