अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने जायज या बेजा बयानों के लिए हमेशा सुर्ख़ियों में रहते हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि “अफगानिस्तान की जंग को दस दिनों में खत्म कर सकते हैं लेकिन इसके कारण एक करोड़ नागरिकों की जिंदगियां जाया हो जाएगी।”
10 दिन में जंग जीत जायेंगे
उन्होंने कहा कि “मैं इस जंग को एक हफ्ते में जीत सकता हूँ। मैं एक करोड़ नागरिकों की हत्या नहीं करना चाहता हूँ। अगर मैं इस जंग को जीतना चाहता तो इस दुनिया से अफगानिस्तान का नामोनिशां मिट जाता। सच में यह सब दस दिनों के अन्दर खत्म हो सकता है।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष ऐलान किया था कि जंग से जूझ रहे राष्ट्र से अमेरिकी सैनिको की वापसी होगी और इस संघर्ष को उन्होंने हास्यपद करार दिया था। ट्रम्प ने अपनी संभावित सैन्य योजना के बाबत कहा कि “मैं इस मार्ग पर नहीं चलना चाहता हूँ।”
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ बैठक के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने यह बयान दिया था। दो दशको से अफगानिस्तान उग्रवाद से जूझ रहा है। अमेरिका ने अफगानिस्तान शान्ति प्रक्रिया की शुरुआत की थी। इस प्रक्रिया में शामिल होने वाला पाकिस्तान हालिया राष्ट्र है।
पाक की अफगान में अहम भूमिका
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “अफगानिस्तान को स्थिर करने में पाकिस्तान महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है जब अमेरिका के सैनिक वापस मुल्क लौट जायेंगे। पाकिस्तान को दी जाने वाली लाखो रूपए की सैन्य सहायता को हम बहाल कर सकते हैं लेकिन यह हमारे कार्य पर निर्भर करता है।”
राष्ट्रपति ने कहा कि “मेरे ख्याल से बाहर निकलने में पाकिस्तान हमारी मदद करने जा रहा है। हम अभी पुलिसकर्मी बने हुए हैं और पुलिसकर्मी नहीं बने रहना चाहते हैं।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि “दो हफ्ते पहले मैं प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के साथ था और हमने इस विषय पर बातचीत की थी। उन्होंने वाकई कहा था कि आपको एक मध्यस्थ्ताकार बनना चाहिए। मैंने पूछा कहा? उन्होंने कहा कश्मीर क्योंकि इस मामले को लटके हुए सालो हो गए हैं। मैं सुनकर हैरत में आ गया कि कितने वर्षों से यह ममला चल रहा है।”