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    चीन की तेल कंपनी पर अमेरिका ने ईरान से तेल खरीदने के लिए सोमवार को प्रतिबन्ध थोप दिए है। यह सरासर वांशिगटन के पाबंदियों का उल्लंघन है। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियों ने ट्वीट किया कि “ईरान के शासन पर थोपे गए प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका संजीदा है। इसलिए आज हम चीनी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने ईरान से तेल सौदेबाज़ी की थी।”

    चीन की तेल कंपनी पर प्रतिबन्ध

    उन्होंने कहा कि “यह अमेरिका के प्रतिबंधों का उल्लंघन है। कोई भी संस्था पैसे मुहैया कर ईरान के शासन की अस्थिर स्थितियों में उनका समर्थन नहीं करेगी। अमेरिका ने चीन की कंपनी ज्हुहाई ज्घेनरोंग और उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी  यौमिन ली पर प्रतिबन्ध लागू किये हैं। कच्चे तेल का आयात कर उन्होंने अमेरिका के प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है।”

    अमेरिका के प्रतिबन्ध तब लागू हुए जब ईरान और पश्चिम के बीच तनाव चरम पर है। यह प्रतिबन्ध चीन को भी मायूस कर सकते हैं क्योंकि दोनों ही मुल्क अभी विभिन्न व्यापार मामलो में उलझे हुए हैं। अमेरिका और ईरान के बीच बीते वर्ष ही सम्बन्ध खराब हो गए थे जब अमेरिका ने खुद को वैश्विक परमाणु संधि से बाहर निकाल लिया था।

    अमेरिका ने ईरान पर आर्थिक और बैंकिंग प्रणाली पर प्रतिबन्ध लागू किये थे और ईरान पर आतंकवाद और संघर्ष को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। हालाँकि वांशिगटन ने आठ देशों को छह महीने तक ईरान से तेल खरीदने की रियायत दी थी लेकिन उसे भी खत्म कर दिया।

    ईरान के तेल के सबसे बड़े खरीददार भारत और चीन है लेकिन अमेरिका के प्रतिबंधों के भय के कारण भारत ने ईरान से सभी आयात को रोक दिया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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