कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने समाज के कई वर्गों के साथ बातचीत की है और उसे नाम दिया है-“अपनी बात राहुल के साथ”। पहले पहले सुनकर ये आपको पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ की याद दिला देगा मगर कांग्रेस के आईटी सेल प्रमुख दिव्या स्पंदना ने कहा-“पीएम का एक एकालाप (मोनोलॉग) है जबकि कांग्रेस अध्यक्ष का एक संवाद (डायलाग) है”।
अपने “अपनी बात राहुल के साथ” की शुरुआत, गाँधी ने पिछले हफ्ते दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में छात्रों से बात करके की थी। बिना सोचे सात छात्र चुने गए थे जो अलग अलग स्कूल के थे और गाँधी ने आराम से सबके सवालों का जवाब दिया। और ऐसी कई मुलाकात देश भर में निर्धारित की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि गाँधी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लाइव जाकर भी लोगो से सीधी मुलाकात कर सकते हैं। वो चाहते हैं कि पार्टी द्वारा सोशल मीडिया को भी कैप्चर किया जाये। उन्होंने सभी वरिष्ठ नेताओं को ट्विटर पर सक्रीय होने के लिए कहा है और उनमे से काफी ट्रेनिंग भी ले रहे हैं। गाँधी को एहसास है कि ये दुर्जेय माध्यम है इसलिए वे ज्यादा से ज्यादा इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं।
छोटे पैमाने पर निजी और अनौपचारिक तरीके से बातचीत करते हुए, गाँधी विदेश या अन्य राज्यों के दौरे के समय लोगो से मुलाकात कर रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने भुवनेश्वर में ऐसी ही मुलाकात की थी और जब दुबई गए थे जब भी एक कारोबारी से मुलाकात की थी। मगर सूत्रों का कहना है कि ये बातचीत अलग होंगी।
सूत्रों का कहना है कि ये पार्टी के घोषणा पत्र में भी दर्ज़ होगा। उनके मुताबिक, “कांग्रेस पार्टी द्वारा इक्कठे किये गए बिंदु इस्तेमाल किये जाएँगे क्योंकि कुछ अवलोकन बहुत उपयोगी और प्रेरणादायक हैं।”
राहुल ने पीएम मोदी पर लोगों से सवाल ना लेने और प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन ना करने के लिए हमला बोला है। राहुल कुछ समय से सवालों को ले रहे हैं और प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर कर रहे हैं। और “अपनी बात राहुल के साथ” के साथ, वे एक बिंदु हासिल करना चाहते हैं।