अनुपम खेर भारतीय फिल्मो के जाने माने अभिनेता हैं। उन्होंने अपनी पहचान ना केवल एक अभिनेता के रूप में बनाई है बल्कि उन्हें निर्माता, निर्देशक और शिक्षक के रूप में भी जाना जाता है। अनुपम खेर ने हिंदी फिल्मो के साथ साथ तेलुगु, मलयालम, अंग्रेजी, कन्नड़, मराठी, पंजाबी और चाइनीस फिल्मो में भी अपने अभिनय को दर्शाया है।
अनुपम खेर के द्वारा अभिनय किए गए फिल्मो की बात करे तो उन्होंने ‘सारांश’, ‘अर्जुन’, ‘कर्मा’, ‘तेज़ाब’, ‘राम लखन’, ‘डैडी’, ‘दिल’, ‘बेटा’, ‘लाडला’, ‘हम आपके हैं कौन’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे’, ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘मोहब्बतें’, ‘जोड़ी न. 1’, ‘वीर – ज़ारा’, ‘सरकार’, ‘रंग दे बसंती’, ‘चुप चुप के’, ‘गॉड तुस्सी ग्रेट हो’, ‘दबंग’, ‘जब तक है जान’, ‘स्पेशल 26’, ‘मैं तेरा हीरो’, ‘टॉयलेट- एक प्रेम कथा’, ‘होटल मुंबई’, ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ जैसी फिल्मो में अभिनय किया है।
अनुपम खेर ने अपने अभिनय की वजह से ना केवल कई सारे अवार्ड्स को अपने नाम किया है बल्कि उन्होंने कई सारे सम्मानों को भी हासिल किया है।
अनुपम खेर का प्रारंभिक जीवन
अनुपम खेर का जन्म 07 मार्च 1955 को शिमला, हिमाचल प्रदेश में हुआ था। अनुपम ने कश्मीरी पंडित के घर जन्म लिया था। उनके पिता का नाम ‘पुष्करनाथ खेर’ था और वह पेशे से वन विभाग के कर्मचारी थे। उनकी माँ का नाम ‘दुलारी खेर’ है जो घर परिवार को सम्हालने का काम करती हैं। अनुपम के अलावा उनके एक छोटे भाई हैं जिनका नाम ‘राजू खेर’ है। राजू भी पेशे से एक अभिनेता ही है।
अनुपम ने अपने स्कूल की पढाई ‘डीएवी हायर सेकेंडरी स्कूल’, लक्कर बाजार, शिमला से पूरी की थी। उसके बाद उन्होंने ‘गवर्नमेंट कॉलेज’, शिमला, ‘पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू), चंडीगढ़ में दाखिला लिया था। इसके बाद उन्होंने ‘नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा’, नई दिल्ली से अपने थिएटर की डिग्री प्राप्त की थी। उन्होंने अपने अभिनय की पढाई पूरी करने के बाद कई समय तक शिक्षक का काम किया था। इसके बाद उन्होंने दिल्ली को छोड़ कर मुंबई जाने का फैसला लिया था, जहाँ उन्होंने बहुत संगर्ष किया था।
व्यवसाय जीवन
अनुपम खेर ने साल 1982 में अपने अभिनय की शुरुआत की थी। उनकी पहली फिल्म का नाम ‘आगमन’ था, जिसके निर्देशक ‘मुज़फ्फर अली’ थे। इस फिल्म में अनुपम खेर ने छोटा सा किरदार अभिनय किया है। इसके बाद साल 1984 में अनुपम ने फिल्म ‘सारांश’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘बी. बी. प्रधान’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘बेस्ट एक्टर’ का अवार्ड भी हासिल किया था।
साल 1985 में अनुपम ने फिल्म ‘अर्जुन’ में अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘जानू’ में अभिनय किया था, जिसमे उन्होंने ‘मिस्टर माथुर’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने फिल्म ‘मिसाल’ में अभिनय किया था। फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘राणा’ था। अनुपम खेर ने साल का अंत फिल्म ‘राओ साहेब’ में अभिनय करने के साथ किया था। फिल्म में उनके किरदार का नाम भी ‘राहो साहेब’ ही था।
साल 1986 में अनुपम खेर ने फिल्म ‘आख़री रास्ता’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘के. भाग्यराज’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘महेश सांडिल्य’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ बच्चन, जया बच्चन और श्रीदेवी ने अभिनय किया था।
उसी साल उन्होंने फिल्म ‘पालय खान’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में अनुपम ने ‘ब्रिटिश जनरल बोनज़’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘कर्मा’ में अभिनय किया था। जिसके निर्देशक ‘सुभाष घई’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘डॉ. मिचेल डंग’ ने अभिनय किया था।
साल 1987 में अनुपम ने अपना डेब्यू तेलुगु फिल्मो में किया था। उस फिल्म का नाम ‘त्रिमुर्तुला’ था, जिसमे उन्होंने ‘डॉन’ का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘के. मुरली मोहन राओ’ थे। इसके बाद उन्होंने अपना डेब्यू अंग्रेजी फिल्मो में भी किया था। उनकी पहली अंग्रेजी फिल्म का नाम ‘नेहरू: द ज्वेल ऑफ़ इंडिया’ था। फिल्म में उन्होंने ‘जवाहर’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
साल 1988 की बात करे तो उस साल अनुपम ने सबसे पहले फिल्म ‘तेज़ाब’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘एन. चंद्रा’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘श्यामलाल’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित ने अभिनय किया था।
उसी साल उन्होंने फिल्म ‘ज़ख़्मी औरत’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘अवतार भोगल’ थे और फिल्म में मुख्य किरदारों को डिंपल कपाडिया और राज बब्बर ने दर्शाया था। साल के अंत में अनुपम ने फिल्म ‘पाप को जला कर राख कर दूंगा’ में अभिनय किया था। फिल्म में अनुपम ने ‘भूचाल’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 1989 में अनुपम को सबसे पहले फिल्म ‘राम लखन’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘शुभाष घई’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘देओधर शास्त्री’ नाम के किरदार किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म के बाद अनुपम को फिल्म ‘ताक़तवर’ में देखा गया था जिसके निर्देशक ‘डेविड धवन’ थे। फिल्म में अनुपम ने ‘म्युनिसिपल ऑफिसर शर्मा’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
उसी साल उन्होंने फिल्म ‘परिंदा’ में अभिनय किया था। फिल्म के निर्देशक ‘विधु विनोद चोपड़ा’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘इंस्पेक्टर प्रकाश’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने उसी साल एक सुपरहिट फिल्म में अभिनय किया था। फिल्म का नाम ‘आनंद’ था और फिल्म के निर्देशक ‘महेश भट्ट’ थे।
साल 1990 की शुरुआत अनुपम ने फिल्म ‘क्रोध’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘इंस्पेक्टर विक्रम शुक्ला’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने फिल्म ‘दिल’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘इंद्रा कुमार’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘हज़ारी प्रसाद’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
उसी साल अनुपम खेर ने अपना डेब्यू मलयालम फिल्मो में किया था। फिल्म का नाम ‘इन्द्रजीलाम’ था और फिल्म के निर्देशक ‘थम्बी काननाथनम’ थे।
साल 1991 में अनुपम खेर ने सबसे पहले फिल्म ‘सौदागर’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘सुभाष घई’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘मानधारी काका’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद अनुपम को फिल्म ‘लम्हे’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘प्रेम’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
इसके बाद उस साल अनुपम ने फिल्म ‘हम’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म में अनुपम ने ‘गिरधार’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘दिल है की मानता नहीं’, ‘गंगा जमुना की ललकार’ और ‘मस्त कलंदर’ में भी अपने अभिनय को दर्शाया था।
साल 1992 की बात करे तो उस साल अनुपम ने फिल्म ‘नागिन और लूटेरे’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘मोहन टी. गेहनानी’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘पुलिस कांस्टेबल’ का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘खेल’ में अभिनय किया था। फिल्म के निर्देशक ‘राकेश रोशन’ थे और फिल्म में अनुपम ने सीमा के अंकल का किरदार अभिनय किया था।
उसी साल अनुपम ने फिल्म ‘दो हंसो का जोड़ा’, ‘गंगा बनी शोला’, ‘उम्र 55 की दिल बचपन का’ और ‘वंश’ में भी अपने अभिनय को दर्शाया था।
साल 1993 में सबसे पहले अनुपम ने फिल्म ‘1942: ए लव स्टोरी’ में अभिनय किया था। फिल्म के निर्देशक ‘विधु विनोद चोपड़ा’ थे और फिल्म में उन्होंने ‘रघुवीर पाठक’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
उस साल की अनुपम की दूसरी सुपरहिट फिल्म का नाम ‘डर’ था जिसके निर्देशक ‘यश चोपड़ा’ थे। फिल्म में अनुपम ने ‘विजय अवस्थी’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म के बाद अनुपम की उस साल की आखरी फिल्म का नाम ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ था। फिल्म में उन्होंने ‘जगमोहन’ और ‘मनमोहन’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
साल 1995 में अनुपम खेर ने ब्लॉकबस्टर फिल्म में अभिनय किया था। उस फिल्म का नाम ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे’ था और फिल्म के निर्देशक ‘आदित्य चोपड़ा’ थे। फिल्म में अनुपम के किरदार का नाम ‘धर्मवीर मल्होत्रा’ था।
साल 1997 से साल 1999 तक अनुपम खेर को कई सुपरहिट फिल्मो में देखा गया था। उन फिल्मो का नाम ‘गुदगदी’, ‘वि. आई. पि.’, ‘कुछ कुछ होता है’, ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ और ‘हसीना मान जायगी’ था।
साल 2000 की शुरुआत भी अनुपम खेर ने सुपरहिट फिल्म ‘मोहब्बतें’ के साथ की थी। इस फिल्म के निर्देशक ‘आदित्य चोपड़ा’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘काके’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल अनुपम ने फिल्म ‘कहो ना…. प्यार है’, ‘रिफ्यूजी’, ‘दुल्हन हम ले जायेंगे’, ‘धड़कन’, ‘हमारा दिल आपके पास है’ जैसी सुपरहिट फिल्मो में अभिनय किया था।
साल 2001 में अनुपम ने फिल्म ‘जोड़ी न. 1’ में अभिनय किया था। फिल्म में उन्होंने ‘राय बहादुर’ नाम के किरदार को दर्शाया था और फिल्म के निर्देशक ‘डेविड धवन’ थे। साल 2002 में अनुपम ने फिल्म ‘यह है जलवा’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘रोबिन सिंह’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
साल 2003 में अनुपम को अंग्रेजी फिल्म ‘बनाना ब्रदर’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘केतन’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
साल 2004 और साल 2005 में अनुपम ने कुल 11 फिल्मो में अभिनय किया था। साल 2004 की सुपरहिट फिल्म ‘वीर-ज़ारा’ में भी उन्होंने ‘ज़ाकिर अहमद’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म के निर्देशक ‘यश चोपड़ा’ थे। साल 2005 की सुपर हिट फिल्म का नाम ‘क्या कूल है हम’, ‘सरकार’, ‘पहेली’ और ‘मैं ऐसा ही हूँ’ है।
साल 2006 की शुरुआत अनुपम ने ‘फिल्म रंग दे बसंदी’ में अभिनय करने के साथ किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘ओमप्रकाश महरा’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘राजनाथ सिंघानिआ’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने फिल्म ‘चुप चुप के’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘प्रियादर्शन’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘जय वेद प्रसाद’ साम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2006 में ही अनुपम को फिल्म ‘विवाह’ में भी देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘सूरज आर. बरजात्या’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘हरिश्चंद्र बाजपेयी’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘अपना सपना मनी मनी’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘संगीत सिवान’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘सत्यबोल शाष्त्री’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2007 की बात करे तो उस साल अनुपम ने फिल्म ‘शकालाका बूम बूम’, ‘हे बेबी’, ‘अपना आसमान’, ‘विक्टोरिया न. 203’, ‘जाने भी दो यारो’, ‘लस्ट, कॉशन’ और ‘गाँधी पार्क’ में अभिनय किया था।
साल 2008 की शुरुआत उन्होंने फिल्म ‘ए वेडनेसडे!’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘नीरज पांडेय’ थे और फिल्म में उन्होंने ‘प्रकाश राठोड’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘दे ताली’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में अनुपम ने अभी के पापा का किरदार अभिनय किया था।
उस साल ही उन्होंने फिल्म ‘गॉड तुस्सी ग्रेट हो’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘जगमोहन प्रजापति’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2009 की शुरुआत अनुपम खेर ने फिल्म ‘विक्ट्री’ के साथ किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘लाइफ पार्टनर’ में अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने फिल्म ‘वेक अप सीड’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में अनुपम ने ‘राम महरा’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2010 की शुरुआत अनुपम ने फिल्म ‘अपर्टमेंट’ में ‘मधुसुधन तनहा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘दबंग’ में अभिनय किया था। फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘दयाल बाबू’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2011 में अनुपम को फिल्म ‘यमला पगला दीवाना’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘जोगिन्दर सिंह बार’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘मौसम’, ‘आगाह’, ‘यह फासले’, ‘स्पीडी सिंह’ में अभिनय किया था।
साल 2012 में भी उन्होंने ‘चार दिन की चांदनी’, ‘क्या सुपर कूल है हम’, ‘जब तक है जान’, ‘मिडनाईट’स चिल्ड्रन’ में अभिनय किया था। साल 2013 की बात करे तो उन्होंने उस साल फिल्म ‘मैं’, ‘कृष 3’, ‘चश्मे बद्दूर’, ‘गोरी तेरे प्यार मैं’, ‘महाभारत’ और ‘यमला पगला दीवाना 2’ में अभिनय किया था।
साल 2014 में भी अनुपम ने फिल्म ‘टोटल सियप्पा’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘इश्वर निवास’ थे और फिल्म में उन्होंने आशा के पिता का किरदार अभिनय किया था। साल 2015 में अनुपम ने फिल्म ‘बेबी’, ‘शराफत गई तेल लेने’, ‘रॉय’, ‘डर्टी पॉलिटिक्स’ और ‘प्रेम रतन धन पायो’ में अभिनय किया था।
साल 2017 में उन्होंने फिल्म ‘नाम शबाना’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘शिवम् नैर’ थे और फिल्म में अनुपम ने ‘ओम प्रकाश शुक्ला’ और ‘शुक्लाजी’ नाम के किरदारों को दर्शाया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ और ‘जुड़वा 2’ में भी अभिनय किया था।
साल 2018 में उन्होंने फिल्म ‘ऐयारी’ में अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘होटल मुंबई’ में अभिनय किया था।
साल 2019 की बात करे तो उस साल अनुपम ने फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ में ‘मनमोहन सिंह’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। इसके बाद उसी साल उन्हें ‘वन डे: जस्टिस डीलीवर्ड’ नाम की फिल्म में भी देखा गया था।
पुरस्कार और उपलब्धियां
- साल 1990 में फिल्म ‘डैडी’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर’ का अवार्ड मिला था।
- साल 1993 में फिल्म ‘डर’ के लिए ‘बेस्ट कॉमेडियन’ का अवार्ड मिला था।
- साल 1997 में फिल्म ‘चाहत’ के लिए ‘बेस्ट सपोर्टिंग सक्टर’ का अवार्ड मिला था।
- साल 2004 में ‘पद्मा श्री’ अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
- साल 2005 में फिल्म ‘मैंने गाँधी को नहीं मारा’ के लिए ‘स्पेशल जूरी अवार्ड’ का अवार्ड मिला था।
- साल 2016 में ‘पद्मा भूषण’ अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
अनुपम खेर का निजी जीवन
अनुपम खेर ने साल 1970 में अभिनेत्री ‘मधुमालती कपूर’ से शादी की थी। शादी के कुछ सालो बाद ही अनुपम को महसूस हुआ था की वो अपनी बहुत अच्छी दोस्त अभिनेत्री ‘किरन खेर’ से प्यार करते हैं जिसके बाद उन्होंने किरन से शादी करने का फैसला लिया था। किरन ने भी किसी और से शादी की थी और उनका एक बेटा भी हैं। बेटे का नाम ‘सिकंदर खेर’ है।
अनुपम के पसंदीदा चीज़ो की बात करे तो उन्हें खाने में कश्मीरी दम आलू, राजमा चावल और चाइनीस खाना पसंद है। उनके पसंदीदा अभिनेता ‘रोबर्ट दे नीरो’ और ‘रनबीर कपूर’ हैं। उनकी पसंदीदा अभिनेता ‘विद्या बालन‘ है। उन्हें नरेन्द्र मोदी बहुत पसंद है।
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