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    सीरिया पर हमला

    अमेरिकी समर्थित सैनिकों ने साल 2017 में 1600 सेअधिक नागरिकों की हत्या की है यह गठबंधन द्वारा जारी आंकड़ों के 10 गुना अधिक है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और मॉनिटरिंग समूह एयरवार्स ने गुरूवार को गठबंधन के आला सदस्यों से नागरिकों की हत्या और विध्वंशक की बात को कबूल करने का आग्रह किया था।

    एमनेस्टी में वरिष्ठ सलाहकार डोनाटेला रोवेरा ने कहा कि “अधिकतर हवाई विस्फोट त्रुटिपूर्ण थे और हज़ारो बार तोपों से हमला विवेकहीन था। गठबंधन सेना ने रक़्क़ा को बर्बाद कर दिया है लेकिन वे सच को नहीं मिटा सकते हैं।” इस रिपोर्ट को फील्ड रिसर्च और आंकड़ों के विश्लेषण के बाद जारी किया है

    एमनेस्टी और एयरवार्स ने कहा कि यह दस्तावेज अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने गठबंधन की सेनोन खासकर, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस से निष्पक्ष जांच तंत्र का गठन करने का आग्रह किया है और पीड़ितों और उनके परिवारों को मुआवजा मुहैया करने की मांग की है।

    रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए गठबंधन ने कहा कि “उन्होंने नागरिक हताहत को रोकने के लिए सभी वाजिब कदम उठाये हैं और आरोपों की जांच जारी है। दाइश को हराने में गैर इरादतन जिंदगी का जाया होना दुखद है।” आईएसएल ने साल 2014 में रक़्क़ा पर कब्ज़ा कर लिया था। गठबंधन के हत्या और दास बनाने की रिवायत को यूएन ने नरसंहार करार दिया है।

    आईएसआईएल को इस साल सीरिया में अमेरिकी समर्थित लड़ाकों ने पस्त कर दिया था। एमनेस्टी ने कहा कि “रक़्क़ा में गठबंधन द्वारा हवाई हमले और तोप से हमले में अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के सबूत मौजूद है जिससे कई नागरिकों की मौत हुई है लेकिन अभी तक संघर्ष में मृतकों की संख्या के आंकड़े नहीं दिए गए हैं। लंदन स्थित दक्षिणपंथी समुदाय ने रक़्क़ा में जंग के दौरान तोपों के इस्तेमाल की आलोचना की है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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