Sat. Apr 27th, 2024
    सऊदी अरब के जमाल खशोगी

    सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान नें जमाल खशोगी की हत्या से पहले ही सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों के लिए एक ख़ुफ़िया अभियान चलाया था। यह खबर न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित हुई थी। वांशिगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को एक वर्ष से भी अधिक का समय हो चुका है।

    ख़ुफ़िया अभियान

    mohammed bin salman
    सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान

    रिपोर्ट के मुताबिक इस अभियान में सऊदी के नागरिकों के लिए निगरानी, अपहरण, कैद और प्रताड़ना शामिल थी। अधिकारीयों के मुताबिक इस समूह ‘सऊदी रैपिड इंटरवेंशन ग्रुप’ के सदस्य एक दर्जन से अधिक अभियानों में शामिल रहे हैं। इस समूह ने सऊदी अरब के नागरिकों का जबरन देश प्रत्यावर्तन किया, उन्हें कैदी बना कर रखा और उन्हें प्रताड़ित किया था।

    जमाल खशोगी को 2 अक्टूबर के दिन इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में मार दिया गया था। यूएन की विशेष दूत ने अजेंस कॉलमार्ड ने तुर्की के दौरे के बाद गुरुवार को कहा कि इस हत्या को योजना और अमल सऊदी अधिकारियों ने की थी।

    जमाल खशोगी की हत्या

    पत्रकार जमाल खशोगी अपनी तुर्की की मंगेतर से शादी करने के लिए दूतावास में दस्तावेज लेने आये थे। सऊदी अरब के दूतावास में पत्रकार को हत्या की गई और शव लापता कर दिया गया था। रियाद ने शुरुआत में इसकी सूचना होने से इनकार कर दिया था हालांकि बाद मे प्रिंस सलमान बिन ने गुनाह को कबूल करते हुए कहा कि पूछताछ के दौरान पत्रकार को हत्या की गई थी।

    सऊदी अरब के बादशाह और क्राउन प्रिंस के इस हत्या में शामिल होने के आरोपों को नकारते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि शायद विश्व उन्हें इस क़त्ल का गुनागार मानता हो, क्योंकि यह दुनिया बेहद दोषपूर्ण स्थान है। आलाचकों ने डोनाल्ड ट्रम्प के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वह मानव अधिकार को नज़रंदाज़ कर, सऊदी अरब को आर्थिक कारणों से क्लीन चिट दे रहे हैं। ताकि वह तेल बाज़ार पर अपना प्रभुत्व कायम कर सके।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *