पूर्व दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बने सपा-बसपा गठबंधन में कही भी स्थिरता नहीं दिखती है और आगामी लोक सभा चुनावों में कांग्रेस राज्य में अपने प्रदर्शन से सबको चौका देगी।
IANS को दीक्षित ने बताया-“उन्हें आने दो साथ। वो लोग आते रहते हैं फिर अलग हो जाते हैं और फिर साथ आ जाते हैं। मेरा मतलब है वे लोग स्थिर नहीं, उनमे स्थिरता नज़र नहीं आती है। देखते हैं।”
उन्होंने केवल सपा-बसपा गठबंधन पर ही बाते नहीं की, उन्होंने भाजपा को भी निशाना बनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की संभावनाएं कमजोर हैं।
कांग्रेस ने राज्य में सभी 80 लोक सभा सीटों पर लड़ने का फैसला किया है मगर उन्होंने भाजपा को हराने वाली किसी भी क्षेत्रीय पार्टी के लिए अपना दरवाज़ा खुला छोड़ा है।
जब उनसे कांग्रेस द्वारा राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री पद के लिए विचार करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा-“पार्टी को फैसला लेने दो। हम चाहते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से चाहती हूँ और हम से कई लोग चाहते हैं। मगर फैसला पूरी पार्टी का ही होगा।”
एक अखिल भारतीय महागठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, शीला दीक्षित ने कहा कि लोग इस पर काम कर रहे हैं, लेकिन यह अभी तक नहीं आया है। उनके मुताबिक, “जहां तक कांग्रेस का सवाल है, देखते हैं क्या होता है।”