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    शक्ति कपूर: कादर खान पिछले एक दशक से अकेले थे और कभी इंडस्ट्री से किसी ने उनकी फ़िक्र नहीं की

    अपने पचास साल के शानदार करियर में, कादर खान ने बहुत से निर्देशक, निर्माता और अभिनेताओं के साथ काम किया है मगर सबसे करीबी जो उनके रहे हैं और सबसे ज्यादा जिन्होंने उनके साथ काम किया है, वो हैं अभिनेता गोविंदा और शक्ति कपूर। ‘राजा बाबु’, ‘कुली नंबर 1’ से ‘साजन चले ससुराल’ तक, तीनों ने 90के दशक में अपनी कॉमेडी का जादू बिखेर रखा था।

    खान साहब ने सोमवार वाले दिन, कनाडा के एक अस्पताल में 81 की उम्र में दम तोड़ दिया था। वो लम्बे अर्से से बीमार चल रहे थे। और उनके निधन की सूचना मिलने पर, शक्ति कपूर ने उनके साथ काम के वक़्त बिताये यादगार लम्हों को साझा किया।

    HT से बात करते हुए उन्होंने बताया, “ऐसी इंडस्ट्री जहाँ पोस्टर्स पर केवल मुख्य अभिनेता या मुख्य अभिनेत्रियों की तस्वीरे होती थी, उस वक़्त कादर खान और शक्ति कपूर के बैनर भी होते थे प्रचार करने के लिए। ये पहले हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में कभी नहीं हुआ। महमूद और किशोर कुमार की जोड़ी भी मशहूर थी मगर उन्होंने कभी साथ में 100 फिल्में नहीं की और ना ही बाप और बेटे का किरदार निभाया जैसे हमने निभाया था।”

    https://youtu.be/ia4lZvUEjw0

    खान जी के साथ अपने रिश्ते पर बातचीत करते हुए उन्होंने बताया-“मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है और मैं उनको बहुत याद करूँगा। उन्होंने एक बार मुझे बताया था कि उनका एक्टिंग करियर थिएटर से शुरू हुआ था। वे कॉलेज में प्रोफेसर थे और स्कूटर चलाते चलाते ही उन्हें डायलाग सूझ जाते थे। उनकी पीछे की सीट पर बैठा उनका सहायक उन डायलाग को लिख लेता था। मैं उन्हें अपना गुरु बुलाता था और हमेशा उनके पैर छूता था। हम बहुत अच्छे दोस्त थे। हम जब भी साथ होते थे तो मैं उन्हें एक पल के लिए भी नहीं छोड़ता था क्योंकि मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने के लिए मिलता था।”

    उन्होंने फिर आगे बताया कि कैसे अपने अंतिम दिनों में वे एकदम अकेले थे और इंडस्ट्री से कभी किसी ने उनकी फ़िक्र नहीं की।

    उनके मुताबिक, “मैंने अपना आधा एक्टिंग करियर कादर खान के साथ बिताया है-हमने 100 से ज्यादा फिल्में साथ में की, इतना आजतक कभी किसी दो स्टार ने साथ नहीं की होंगी। अब जब वो चले गए हैं तो फिल्म इंडस्ट्री उनके बारे में पूछ रही है। लोग मरने के बाद ही क्यों किसी अभिनेता को याद करते हैं? जब इन्सान काम कर रहा होता है या बीमार होता है या संघर्ष कर रहा होता है-तब क्यों उनके बारे में कुछ अच्छा नहीं बोलते? जब अभिनेता चला जाता है और उनकी बाते सुनने के लिए मौजूद नहीं होता, वे तभी उनके बारे में बात करना शुरू करते हैं।”

    “जब कादर खान पिछले एक दशक से काम नहीं कर रहे थे और बीमारी से जूझ रहे थे, किसी ने उनकी फ़िक्र नहीं की। उन्हें ऐसे अकेला क्यों छोड़ दिया गया? और जब कोई अभिनेता ठीक नहीं होता तो उसे क्यों अकेले छोड़ दिया जाता है? कादर खान आर्थिक रूप से बहुत सुरक्षित थे मगर बहुत अकेले थे क्योंकि जब वे बीमार थे तो ज्यादा लोगों ने उनसे मिलने की नहीं सोची और ना ही उनके साथ वक़्त बिताया। अपने परिवार के साथ उन्हें अकेले छोड़ दिया गया।”

    गोविंदा ने भी खान साहब को अपने पिता समान बुलाते हुए कहा कि उनका पूरा परिवार इस वक़्त दुःख में हैं। वैसे गोविंदा वो अभिनेता है जिनके साथ उनकी हीरोइन के वजाय, कादर खान की जोड़ी के चर्चे थे।

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    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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