Tue. Nov 5th, 2024
    दक्षिणी चीनी सागर

    विवादित दक्षिणी चीनी सागर में वियतनाम के मछुवारों की नाव डूब गयी थी। इस पर वियतनाम ने चीन के खिलाफ विरोध व्यक्त किया है। वियतनाम और चीन के बीच लम्बे समय से संसाधन युक्त क्षेत्र के लिए विवाद चल रहा है। वियतनाम इसे पूर्वी सागर कहता है।

    यह नाव पहाड़ से टकराने के कारण डूब गयी थी क्योंकि नाव का पीछा किया जा रहा था। मंत्रालय ने कहा कि “सभी पांच मछुवारों को एक अन्य वियतनामी नाव में बचा लिया गया था।” चीनी जहाज ने वियतनाम की नाव को रौंद दिया था।

    रायटर्स के मुताबिक वियतनामी मंत्रालय ने कहा कि “चीनी जहाज ने वियतनाम की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया था। उन्होंने लोगों की जान की खतरा पंहुचाया, संपत्ति को नुकसान पंहुचाया और वियतनामी मछुवारों के वैध अधिकारों का उल्लंघन किया था। हनोई में स्थित चीनी दूतावास के समक्ष वियतनाम ने विरोध जताया है।

    वियतनाम ने चीन से आपनी समुंद्री निगरानी विभाग पर नकेल कसने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसे खतरों से बचा जा सके। साथ ही चीन को मछुवारों के निष्पक्ष नुकसान की भरपाई करने को कहा है। चीन दक्षिणी चीनी सागर के 90 प्रतिशत भाग पर अपने अधिकार का दावा करता है।

    चीन नें दी सफाई

    ग्लोबल टाइम्स के सवाले से चीन नें कहा है कि वियतनाम गलत सुचना फैला रहा है। चीन नें कहा है कि वियतनाम सुचना को गोल-मोल कर रहा है।

    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नें कहा है कि चीनी अधिकारीयों के पहुँचने से पहले ही वियतनाम की नाव डूब गयी थी।

    चीनी विदेश मंत्रालय नें आगे कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि शिशा द्वीप चीन का हिस्सा है और वियतनाम को इस इलाके में अवैध रूप से मछली नहीं पकड़नी चाहिए।

    शिशा द्वीप, जिसपर वियतनाम और चीन दोनों अपना दावा करते हैं
    शिशा द्वीप, जिसपर वियतनाम और चीन दोनों अपना दावा करते हैं

    अमेरिका नें भी की थी शिकायत

    बीजिंग विवादित सागर पर तीव्रता से सैन्यकरण और कृत्रिम द्वीपों में वृद्धि कर रहा है। इससे अमेरिका काफी नाराज़ स्थिति में हैं।

    हाल ही में अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने चीन पर आरोप लगाया कि वह आसियान के सदस्यों की दक्षिणी चीनी सागर तक पंहुच को प्रतिबंधित कर रहा है। दक्षिणी चीनी सागर में 2.5 ट्रिलियन डॉलर के ऊर्जा संसाधन मौजूद है और चीन की वहां अवैध निर्माण गतिविधियां चल रही है।

    उन्होंने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग पर चीन के अवैध द्वीप का निर्माण सिर्फ सुरक्षा से जुड़ा मसला नहीं है। आसियान के सदस्यों को चीन 2.5 ट्रिलियन डॉलर की ऊर्जा भंडार से वंचित रखना चाहता है।”

    उन्होंने कहा कि “अमेरिकी सरकार साउथ ईस्ट एशियन नेशनस के लिए ऊर्जा सुरक्षा का प्रचार कर रही है। यह वैश्विक ऊर्जा वाले देशों के नेताओं की सबसे बड़ी बैठक होगी। हम चाहते हैं कि उस क्षेत्र में स्थित देशों की भी अपनी ऊर्जा तक पंहुच हो। हम उनकी मदद करना चाहते हैं। हम साझेदारी बनाना चाहते हैं। हम पारदर्शी ट्रांसक्शन्स चाहते हैं कोई कर्ज का जाल नहीं। लेकिन चीन ऐसे ही नियमों को नहीं बनाना चाहता है।”

    दक्षिणी चीन सागर विवाद

    दक्षिणी चीन सागर प्रशांत महासागर का हिस्सा है, जो मुख्य रूप से दक्षिणी एशियाई देशों के इलाके में है।

    south china sea
    दक्षिणी चीन सागर का नक्षा

    दक्षिणी चीन सागर की सीमा पर चीन, वियतनाम, कम्बोडिया, मलेशिया, फिलिपिन्स, ताइवान और जापान जैसे देश आते हैं।

    यह सागर प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। इस सागर से विश्वभर का लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार होता है। ऐसे में यह सागर किसी भी देश के लिए बहुत जरूरी है।

    चीन पिछले कई दशकों से इस सागर के एक बड़े हिस्से पर अपना कब्ज़ा जमाता आ रहा है। ऐसे में यहाँ मौजूद छोटे देशों नें कई बार विश्व मंच पर चीन के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।

    इस विवाद को गहराई से समझने के लिए आप बीबीसी द्वारा निर्मित यह विडियो देख सकते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *