सोमवार के दिन, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर इलज़ाम लगाते हुए कहा कि उन्हें पहले से ही पता था कि नीरव मोदी आठ महीने बाद देश छोड़कर फरार होने वाला है।
उन्होंने कहा-“आयकर विभाग की रिपोर्ट मिलने के बाद, मोदी सरकार को पता चल गया था कि 23,000 करोड़ रूपये का घोटाला करने के बाद नीरव मोदी आठ महीने बाद देश छोड़कर भागने वाला है। उन्होंने, दा सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस, डायरेक्टरेट ऑफ़ रेवेनुए इंटेलिजेंस, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन और पुलिस में से किसी को भी इस बात की सूचना नहीं दी थी। अगर मोदी जी और जेटली जी को नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के बारे में मालूम था तो वो दोनो देश छोड़कर कैसे भाग गए?”
वरिष्ठ अधिकारी पर इलज़ाम लगाते हुए उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें दो बार समय विस्तार दिया गया था मगर उन्होंने इन भगोड़ो की रिपोर्ट का कुछ नहीं किया। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा-” जून 2017 जब ये रिपोर्ट आयी थी, से मई 2018 जब ये दोनों भाग गए, ‘दा सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज'(सीबीडीटी) के अध्यक्ष शुशील चंद्रा थे जिनके अंदर आईटी विभाग काम करता है। मैं पूछता हूँ, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भगाने में इनकी क्या भूमिका थी?”
कांग्रेस की तरफ से ये सारे इल्ज़ामात तब आये जब पंजाब मंत्रिमंडल के सदस्य नवजोत सिंह सिद्धू ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि “पार्टी ने देश को तीन मोदी दिए हैं- नीरव मोदी, ललित मोदी और एक वो जो अम्बानी की गोद में बैठे हैं, नरेंद्र मोदी।”
इससे पहले, वरिष्ठ कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र को घेरते हुए कहा था कि भागे हुए घोटालेबाज़ों को बैंक से इतना पैसा, केंद्र सरकार के आशीर्वाद से मिला है।
उनके अनुसार, “सरकार ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगो को बचाने के लिए तरीका निकाल लिया है। जब उन्हें एक साल पहले ही उनके भागने की खबर मिल गयी थी तो उन्होंने किसी जांच एजेंसी को उनके पीछे नहीं लगाया। इसके बदले उन्होंने उन्हें भागने की इजाज़त दी। वर्तमान में केंद्र शाशित सरकार और मोदी जी के आशीर्वाद से, उन्होंने बैंक से पैसा लिया और भाग गए।”
इस भड़काई हुई आग में और घी डालने के लिए उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार ये मुद्दा संसद में उठाया था मगर केंद्र सरकार ने इसपर कभी कोई टिपण्णी नहीं की।