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    एसबीएसपी (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) प्रमुख और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए कहा है कि यदि मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो उन्हें मंत्री पद से हटा कर दिखाएँ।

    राजभर की पार्टी उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ गठबंधन किए हुए है। वहीं राजभर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में ओबीसी के लिए उप-कोटा की माँग पर अड़े हुए हैं।

    राजभर ने लखीमपुर खीरी में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि ‘उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बने हुए 22 महीनों से भी अधिक समय बीत चुका है और वो योगी आदित्यनाथ को यह चुनौती देते हैं कि वो उन्हे कैबिनेट से निकाल कर दिखाएँ।’

    इसी के साथ ही राजभर ने यह भी कहा कि वो गरीबों के लिए अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे। ओम प्रकाश राजभर ने हुंकार भरते हुए मीडिया के सामने यह बयान दिया है कि ‘वो 72 साल की उम्र में एक मुख्यमंत्री के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले पहले मंत्री हैं।’

    राजभर ने कहा है कि वे दलित और ओबीसी के लिए अपनी मांगों को मजबूती के साथ सरकार के सामने रख रहे हैं, इसके लिए उन्होने सरकार को 24 फरवरी तक का समय दिया है अन्यथा वो कोई बड़ा कदम उठाएंगे।

    उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री होने के नाते जब राजभर से अयोध्या राम मंदिर पर सवाल पूछा गया तो उन्होने इसका सीधा जवाब देते हुए केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘इसके लिए केंद्र जिम्मेदार है। गरीब जनता को यह नहीं पता है कि इन लोगों को राम मंदिर निर्माण से अधिक प्रिय दिल्ली और लखनऊ की सत्ता है।

    कैबिनेट मंत्री ने यह भी आरोप लगाया है कि ‘सरकार जनता को मंदिर मस्जिद मुद्दे पर गुमराह कर रही है।’

    राजभर ने सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार कुम्भ मेले के लिए 5 हज़ार करोड़ रुपये की राशि खर्च कर सकती है, लेकिन उसके पास राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए पैसे नहीं हैं।

    एसबीएसपी प्रमुख ने यह आशंका जताई है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ सकती है।

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