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    SITARAM KESRI

    छत्तीसगढ़ में एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के वंशवाद पर हमला बोलते वक़्त पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी को याद किया और आरोप लगाया कि गाँधी परिवार ने एक दलित अध्यक्ष को उनका 5 साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं करने दिया और कुर्सी से हटा कर खुद अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ गया।

    प्रधानमंत्री ने कहा ‘कांग्रेस कहती है कि नेहरू जी के लोकतान्त्रिक व्यवस्था के अंतर्गत ही एक चायवाला प्रधानमंत्री बना है। मैं चैलेन्ज करता हूँ उन्हें कि अगर नेहरू जी ने इतने ही लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव रखी थी तो कांग्रेस गाँधी परिवार से अलग किसी नेता को 5 साल तक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बैठाने कि हिम्मत करें।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘गैर गाँधी परिवार के दलित अध्यक्ष सीताराम केसरी को बिना 5 साल पूरा किये कि बेइज्जत करके पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।’

    1996 से 1998 तक सीताराम केसरी के अध्यक्ष रहें के दौरान उनके सहयोगी रहे तारिक अनवर ने मोदी के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि केसरी ने खुद ही अपना इस्तीफा दिया था। तारिक अनवर के मुताबिक़ सीताराम केसरी ने उस वक़्त कहा था कि अगर सोनिया गाँधी अध्यक्ष पद स्वीकार करेंगी तो वो खुद उनके लिए अपना स्थान रिक्त कर देंगे।

    अनवर ने प्रधानमंत्री के उस दावे को भी गलत बताया जिसमे उन्होंने कहा था कि केसरी दलित थे। तारिक अनवर ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री गलत है। केसरी जी दलित नहीं थे बल्कि वो वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखते थे। केसरी जी ने खुद अपना पद छोड़ने की पेशकश की थी। उस वक़्त मैं केसरी जी का राजनितिक सलाहकार था और मैं ये बात जानता हूँ।’

    कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि केसरी बिहार के बनिया ओबीसी थे। प्रधानमंत्री को लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए।

    सीताराम केसरी 1996 से 1998 तक कांग्रेस के अध्यक्ष थे। 1967 में पहली बार जनता पार्टी की टिकट पर बिहार के कटिहार संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले केसरी बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए और मरते दम तक कांग्रेसी ही बने तरहे।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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