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    मुंबई समारोह पर अमोल पालेकर: वहाँ जाता ही नहीं अगर मुझे पता होता कि ऐसे रोक देंगे

    अनुभवी अभिनेता अमोल पालेकर जिनके भाषण को सरकार की आलोचना करने के कारण रोक दिया गया था, उन्होंने NDTV को बताया कि वो समारोह में जाते ही नहीं अगर उन्हें पता होता कि उन्हें इस तरह रोक दिया जाएगा। उनके मुताबिक, “जब उन्होंने मुझे आमंत्रित किया, अगर उन्होंने मुझे बताया होता-‘इसके बारे में बोलो और उसके बारे में नहीं’ तो मैं कह देता-‘आपका शुक्रिया, मैं नहीं आना चाहता’।”

    मुंबई में नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट में मराठी फिल्ममेकर और अभिनेता को बार बार टोका गया जब वे अपना भाषण दे रहे थे। पालेकर एक प्रदर्शनी ‘इनसाइड द एम्प्टी बॉक्स’ में बोल रहे थे जो कलाकार प्रभाकर बरवे की याद में रखा गया था। उन्होंने यहाँ संस्कृति मंत्रालय की आलोचना की जिन्होंने कथित रूप से मुंबई और बेंगलुरु सेंटर की गैलरी से सलाहकार समितियाँ हटवा दी थी।

    उन्होंने आगे बताया-“मुझे बहुत परेशानी हुई इससे और मुझे ज्यादा परेशानी इस बात से हुई कि वे लोग कैसे मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे। परेशान होना तो बहुत छोटा शब्द है। मैं बहुत बुरी तरह से घबरा गया था।”

    जब अभिनेता को ऐसे अपमानित किया जा रहा था तो दर्शकों में से कोई भी उनके लिए खड़ा नहीं हुआ। उन्होंने कहा-“मुझे बिलकुल बुरा लगा कि उनमे से कोई भी खड़ा नहीं हुआ और कहा कि ‘पालेकर को बोलने दो। उन्हें मत टोको’। वह इसका दुखद हिस्सा था।”

    विवाद के ऊपर सफाई देते हुए नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ने रविवार को पालेकर के इल्जामो को खारिज करते हुए कहा कि सलाहकार समितियाँ नहीं हटवाई गयी थी। डीजी अद्वैत गडनायक ने कहा-“NGMA मुंबई, बंगलुरु और दिल्ली की सलाहकार समितियों को भंग कर दिया गया है। उनका कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ हैं और उन्हें पुनर्गठित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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