मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार इब्राहिम सोलिह की जीत हुई थी। भारत ने गुरूवार को कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में लोकतंत्र की ताकत की जीत हुई है। भारत सरकार ने उम्मीद की थी कि जनता के निर्णय का सम्मान किया जायेगा।
अब्दुल्ला यामीन का राष्ट्रपति पद पर कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो जायेगा। इससे पहले राष्ट्रपति यामीन की पार्टी ने चुनाव के नतीजों को अदालत में चुनौती दी थी। बुधवार को आखिरकार अब्दुल्ला यामीन ने अपनी पार्टी की हार कबूल कर ली। साथ ही उन्होंने भारत की ओर इशारा कर कहा कि मालदीव की सम्प्रभुता को विदेशी प्रभाव से खतरा है।
मालदीव चुनाव पर भारत के विचार के बाबत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि नई दिल्ली ने मालदीव पर आपातकाल लागू होने के समय से ही नज़र रखी थी चूंकि भारत को मालदीव में लोकतंत्र का संरक्षण करना जरुरी था।
जाहिर है भारत के लिए भारत मालदीव सम्बन्ध काफी महत्वपूर्ण हैं।
रवीश कुमार ने कहा कि भारत मालदीव की जनता के निर्णय को स्वीकार करता है। मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव से लोकतंत्र ही मज़बूत नहीं हुआ बल्कि इसमें कानून के नियम के उच्च दर्जे और लोकतंत्र के मायनों को दर्शाया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा भारत को यकीन है कि मालदीव में जनता की इच्छाशक्ति प्रबल है। भारत ने मालदीव में तीसरे राष्ट्रपति चुनाव के सफलतापूर्वक पूर्ण होने का स्वागत किया और चुनावी विजेता इब्राहिम सोलिह को बधाई दी।
मालदीव में गत वर्ष हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार इब्राहिम सोलिह की जीत हुई थी। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने हार को अस्वीकार करते हुए दोबारा मतदान के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। अलबत्ता बुधवार को राष्ट्रपति ने चुनावी परिणाम को स्वीकार कर लिया।
रवीश कुमार ने कहा कि भारत पड़ोसी पहले की नीति के तहत मालदीव के साथ संबंधों को और मज़बूती देने पर कार्य करेगा। इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इब्राहिम सोलिह को फ़ोन पर जीत की शुभकामनाएं दी थी। इब्राहिम सोलिह ने पीएम मोदी को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया। हालाँकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समारोह में शरीक होंगी। मालदीव एकमात्र ऐसा सार्क देश है जहां पीएम मोदी ने यात्रा नहीं की। यही दोनों देशों के मध्य तल्खी का सबूत है।