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    भारत और मालदीव

    भारत और मालदीव के बीच हुए नए वीजा समझौते को आज से लागू कर दिया गया है। यह समझौता मालदीव के नागरिकों को लिबरल वीजा पॉलिसी मुहैया करेगा। जो इलाज के साथ ही शिक्षा और कारोबार मौके लिए भारत आने की इच्छा रखते हैं।

    आल इंडिया रेडियो के मुताबिक इस वीजा सुविधा समझौते को अमल में लाने के लिए दोनों राष्ट्रों ने कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर ली है। मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहीम सोलिह ने बीते वर्ष दिसंबर में भारत की यात्रा की थी और इसी दौरान वीजा समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।

    भारत में शिक्षा ग्रहण कर रहे मालदीव के बच्चों के माता-पिता को डिपेंडेंट वीजा जारी नहीं किया जाता था, वह सिर्फ पर्यटक वीजा पर ही भारत आ सकते थे। पर्यटन वीजा की अवधि 90 दिनों की होती है और इसके बाद उन्हें वापस जाना होता है या दोबारा वीजा के लिए आवेदन करना होता है।

    सूत्र ने बताया कि “अब उन्हें डिपेंडेंट वीजा मुहैया किया जायेगा और वह अपने बच्चे की शिक्षा पूरी होने तक यहां रह सकते हैं। यह वीजा सिर्फ माता-पिता को ही नहीं बल्कि छात्र के भाई-बहनों और दादा-दादी को भी दिया जायेगा। इसी प्रकार पहले मालदीव से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए पर्यटक वीजा पर भारत आने की अनुमति थी। डॉक्टर से सलाह लेने के बाद यदि उन्हें यहां रहने की जरुरत होती थी, तो वह अपने वीजा को मेडिकल वीजा में परिवर्तित नहीं कर सकते थे।

    भारत ने मालदीव की नयी सरकार को आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए 1.4 करोड़ डॉलर की सहायता राशि दी थी। मालदीव में भारतीय समुदाय की संख्या दूसरे पायदान पर है जो लगभग 22000 हैं।

    भारत मालदीव सम्बन्ध

    भारत और मालदीव अपनी भूगोलिक स्थिति के कारण एक दुसरे के लिए बहुत जरूरी हैं। भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था मालदीव जैसे छोटे देशों के लिए बहुत जरूरी है।

    पिछले काफी सालों से दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत बने रहे थे। हालाँकि मालदीव में अब्दुल्ला यामीन की सरकार आने के बाद मालदीव चीन के करीब हो गया और भारत से दूरियां बना ली थी।

    अब हालाँकि पिछले साल जब मालदीव में सत्ता परिवर्तन हुआ और मोहम्मद सोलिह मालदीव के राष्ट्रपति बने, तब से दोनों देश फिर से करीब आ गए हैं।

    सोलिह नें अपनी शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुलाया था और दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की मांग की थी।

    इसके बाद सोलिह नें कई चीनी कार्यों पर रोक लगा दी थी और चीन का कर्ज चुकाने के लिए भारत से मदद मांगी थी

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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