समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव ने कहा कि उनके मन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के लिए बहुत इज़्ज़त है मगर फिर भी उन्हें सपा-बसपा गठबंधन से इसलिए अलग रखा गया ताकि भाजपा को हराने के लिए ‘चुनावी अंकगणित’ ठीक बैठ सके।
जब उनसे पूछा गया कि क्या सपा चुनावों के बाद कांग्रेस के साथ काम करेगी तो यादव का जवाब था-“हम अभी जवाब नहीं दे सकते। हम चुनावों के बाद जवाब देंगे। मगर मैं इतना कहना चाहता हूँ कि देश को नया प्रधानमंत्री चाहिए और चुनावों के बाद उन्हें मिल जाएगा।”
कोलकाता में विपक्षी रैली में भाग लेने पहुंचे सपा प्रमुख समाचार एजेंसी पीटीआई से बात कर रहे थे।
उनके मुताबिक, “यदि आप उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाली सीटों की संख्या (लोकसभा में) निकाल दो तो, आप देखेंगे कि भाजपा सरकार के पास बहुमत नहीं है। बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग की बात करती रहती है। इसलिए, मैंने अपने चुनावी अंकगणित को सही करने का फैसला किया और इस गठबंधन के माध्यम से किया भी।”
उन्होंने आगे कहा कि अपने कार्यकाल में इतना काम करने के बाद भी, वे 2017 का विधानसभा चुनाव हार गए क्योंकि उनका चुनावी अंकगणित ठीक नहीं था। उन्होंने कहा-“इसलिए मैंने बसपा और रालोद को लेकर अंकगणित ठीक करने का फैसला किया और दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी। भाजपा को हराने के लिए ही ये गठबंधन हुआ है। क्या हम दुसरे को संतुष्ट करने के लिए अपनी सीटें खो दे?”
जब उनसे पूछा गया कि अगर महागठबंधन जीत जाता है तो देश का अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इसपर यादव ने कहा-“देश के किसी भी हिस्से से कोई भी अगला प्रधानमंत्री बन सकता है। मगर ये अच्छा रहेगा अगर अगला पीएम उत्तर प्रदेश से बनता है तो क्योंकि ऐसी धारणा है कि जो लोग पीएम बनना चाहते हैं, वे यूपी से लड़ते हैं या इस राज्य से अपनी तादाद बढ़ाते हैं।”
इस सवाल पर कि पीएम के लिए पहली पसंद कौन होगा-बसपा प्रमुख मायावती या टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी, अखिलेश यादव ने सीधा सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि नए पीएम को चुनने के लिए कुछ प्रयास करने पड़ेंगे और कुछ मुद्दों पर चुनावों के बाद ही चर्चा की जाएंगे।