बंगाल सरकार और सीबीआई के बीच हुई तकरार के बीच धरने पर बैठीं ममता बनर्जी के साथ मंच साझा करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अब मुश्किल में फसते हुए दिख रहे हैं।
कोलकाता पुलिस कमिश्नर पर कार्यवाही की मांग करते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से कहा है कि ‘जिन अधिकारियों ने सीमा लांघने की कोशिश की है, उनपर कड़ी कार्यवाही की जाये।’
हालाँकि अभी गृह मंत्रालय इस संभावना पर काम कर रहा है कि क्या इन पुलिस अधिकारियों को मेडल उनसे छीने जा सकते हैं। इसी के साथ ही मंत्रालय इन अधिकारियों पर केंद्र सरकार के लिए काम करने के लिए भी बैन लगाने की संभावना पर काम कर रहा है।
मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को भी एक पत्र लिखते हुए कहा है कि सरकार उन अधिकारियों पर कार्यवाही करे, जो अधिकारी पुलिस ज़िम्मेदारी होने के बावजूद धरने में शामिल हुए थे।
मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के प्रमुख सचिव को सूचित करते हुए यह बताया है कि राजीव कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन किया है।
ऐसे में पुलिस सेवा के लिए मिला राष्ट्रपति मेडल इन अधिकारियों से वापस लिया जा सकता है। नियमों के मुताबिक आचरण खराब होने, किसी मामले में दोषी पाये जाने व किसी भी कार्यवाही में कायरता का प्रदर्शन किए जाने पर अधिकारियों से यह मेडल वापस लिया जा सकता है।
मालूम हो कि पिछले रविवार को सीबीआई सारधा चिटफंड मामले में पूछताछ करने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर गयी थी, जहां पहले से ही मौजूद राज्य पुलिस ने एक ओर जहां सीबीआई को उनके आवास में नहीं घुसने दिया था, बल्कि पुलिस ने सीबीआई के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार भी कर लिया था।
इसके बाद से ही पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल मच गयी थी, जिसके चलते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगते हुए धरने पर बैठ गईं थीं। राजीव कुमार में धरने के मंच पर जा कर बनर्जी का समर्थन किया था।
केंद्र से सीधी तकरार के बाद ममता फिलहाल ‘संविधान बचाओ’ धरने पर डटी हुईं हैं।
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