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    भोपाल, 17 जुलाई (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में आम लोगों को जरूरत का पेयजल सहज तरीके से उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार जल्द ही ‘पानी का अधिकार’ अधिनियम लागू करने जा रही है। इस अधिनियम का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। इसे सबसे पहले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे के गृह जिले बैतूल में लागू किया जाएगा। इस अधिनियम में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सम्मेलन आयोजित होंगे।

    15 साल बाद राज्य की सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार ने अपने पहले आम बजट में पानी का अधिकार अधिनियम लागू किए जाने का वादा किया है। इसके तहत हर व्यक्ति को प्रतिदिन 55 लीटर पीने का पानी प्राप्त करने का अधिकार मिलेगा। इसका मकसद जल के सम्यक उपयोग, जल संरक्षण और पेयजल गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। इसके लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है।

    राज्य की कांग्रेस सरकार पानी के अधिकार के प्रारुप को अंतिम रूप देने में जुटी है। इस काम में पांच जिम्मेदार अफसरों को लगाया गया है, जो पर्यावरणविद् और जागरूक लोगों से संवाद कर रहे हैं, जिससे उनके अनुभवों और सुझावों को इस प्रारुप में शामिल किया जा सके। इसका फायदा यह होगा कि, पानी के अधिकार का प्रारुप सभी वगरें और क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा।

    देश का बड़ा हिस्सा जल संकट से जूझ रहा है, इसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है। राज्य के 30 से ज्यादा जिले हर साल गर्मी में गंभीर पेयजल संकट के दौर से गुजरते हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भी देश के लगभग सभी राज्यों में पानी की किल्लत है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि पूरे भारत में 54 प्रतिशत कुएं सूख गए हैं और देश के 21 शहर साल 2020 में भीषण जल संकट वाले क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हैं।

    प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने मंगलवार को बैतूल में कहा कि, जल संकट की स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जल अधिकार अधिनियम लागू करने का अभिनव कदम उठाया है। जिसके तहत हर व्यक्ति के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। बैतूल को इस अधिनियम को अमल में लाने वाला प्रदेश का पहला जिला बनाया जाएगा।

    बैतूल पांसे का गृह जिला है। वे यहां के मुलताई विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इस वर्ष राज्य सरकार की बजट में 371 करोड़ की राशि मुलताई विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में समूह नल-जल योजना के माध्यम से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित की गई है। बैतूल एवं भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र में समूह नल-जल योजना के लिए भी डीपीआर बनाने का कार्य संचालित है। इस क्षेत्र में वर्धा बांध का कार्य भी तेज रफ्तार से कराया जा रहा है।

    उन्होंने आगे कहा कि, जल अधिकार अधिनियम में आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए पंचायत स्तर पर सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। सरकार जल संकट से निपटने के लिए दूरगामी योजनाओं पर काम कर रही है। अधिनियम के तहत हर व्यक्ति को पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी के साथ ही पानी का दुरुपयोग भी करने से रोका जाएगा।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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