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    मधुमेह में केला banana in diabetes

    विषय-सूचि


    केला एक फल है, जो हर किसी का मनपसंद होता है। इस फल को हम ऐसे ही खा सकते हैं, या इससे बने अलग-अलग आहार बनाकर भी खा सकते हैं – केले का स्वाद और स्वास्थ्य दोनों ही हमें मिलता है। केला हमारे शरीर के लिए बहुत अच्छा साबित हुआ है। केले में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है।

    केला करीबन 135 देशों में उगाया जाता है। कई बीमारियों के लिए ये फल बहुत ही फायदेमंद रहता है। क्या मधुमेह उन में  से एक है?

    इसी विषय में इस लेख को लिखा गया है।

    मधुमेह और केले का सम्बन्ध (banana and diabetes)

    मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जहाँ हमारे शरीर में चीनी की मात्रा उचित से ज़्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में केले वो फल होते हैं जिन में 30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स पाया जाता है।

    इस तत्व में चीनी की भी उपलब्धी होती है, जिसके कारण शायद हमारे शरीर में चीनी की मात्रा और बढ़ जाए। जितना बड़ा केला, उतना ज़्यादा चीनी।

    क्या मधुमेह के रोगी केला खा सकते हैं? (banana for diabetes patient?)

    एक छोटे से केले में 2 ग्राम फाइबर और 12% विटामिन सी पाया जाता है। इसके अलावा इसमें वो तत्व भी होता है जिसके कारण हमारे शरीर में चीनी की मात्रा बढ़ जाती है।

    लेकिन इसका ये अर्थ नहीं है कि हम केले खा ही नहीं सकते। हम केले खा सकते हैं, लेकिन अन्य दूसरे आहार के साथ। हमें ये ध्यान में रखना चाहिए कि ये अन्य दूसरे आहार में बहुत ही कम य शून्य कार्बोहाइड्रेट्स हो – जैसे कि नट्स, बींस, सब्ज़ियाँ आदि।

    उदाहरण के तौर पर, अगर आपको केला खाना है, तो आप केले, चेरी, सेब, और अंगूर के साथ मिलाकर, उसक सलाद बनाकर खा सकते हैं। इसमें बाकी सारे फल में बहुत कम कार्बोहाइड्रेट्स हैं। इसके अलावा हम केले के साथ प्रोटीन और फैट के आहार भी खा सकते हैं।

    लेकिन ज़रूरी है कि हम इन चीज़ों उचित मात्रा में ही खाएँ। उचित से ज़्यादा खाने से, ये हमें नुकसान भी पहुँचा सकता है। खाने के बाद आप अपने शुगर लेवेल की जाँच कर सकते हैं। इससे आपको पता चल जाएगा कि आपके शरीर के लिए कितना खाना उचित है।

    कहा जाता है कि केले रोज़ाना खाने से, मधुमेह के रोगियों को किसी चीज़ का खतरा नहीं होता है। इसलिए इस बीमारी के समय में हम बेझिझक केला खा सकते हैं।

    मधुमेह के लिए केले के फायदे (benefits of banana in diabetes in hindi)

    शर्करा (starch) का होना

    मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए, सही कहा जाए तो, केला एक बहुत अच्छा सुझाव है। इसमें पाया गया शर्करा हमारे शरीर के लिए बहुत अच्छा होत है। इसके अलावा, शर्करा से हमारे शरीर में चीनी की मात्रा भी कम हो जाती है। इसलिए, ये मधुमेह की बीमारी का एक सुझाव या इलाज है। लेकिन ये फायदा सबसे ज़्यादा कच्चे केलों में मिलता है।

    यहाँ तक की केले के छिलके में भी बहुत से ऐसे तत्व होते हैं जो मधुमेह से लड़ जाते हैं। इससे हमारे शरीर में चीनी की मात्रा कम हो जाती है, और हम स्वस्थ रह पाते हैं।

    फाइबर

    फाइबर भी मधुमेह से राहत पाने के लिए अच्छा होता है। जैसा कि पहले बताया गया है, केले में वो फाइबर का तत्व पाया जाता है। फाइबर से हमारा खाना थोड़ा धीरे हजम होता है, और कार्बोहाइड्रेट्स भांप लिए जाते हैं। इससे किसी को मधुमेह की हालत से राहत मिल सकता है।

    इसलिए इस एक और वजह के कारण, मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए, केले खाए जा सकते हैं। मगर हमें याद रखकर, जैसा पहले बताया गया है, इसे अन्य आहार के साथ खाना चाहिए।

    विटामिन बी6

    केलों में विटामिन बी6 का तत्व भी होता है। इस तत्व के अपने अलग कई सारे फायदे होते हैं। कहा जाता है कि, मधुमेह की स्थिति में, नसें कमज़ोर हो जाने का कारण है – हमारे शरीर में विटामिन बी6 की कमी।

    अक्सर ये कमी मधुमेह के रोगियों में देखा जाता है। इसलिए, इससे पहले की इन्हें और बीमारियों का हमला हो, इसका इलाज करना और मधुमेह को नियंत्रित रखना, हमारी ज़िम्मेदारी है। हमारे शरीर के प्रति इस ज़िम्मेदारी को हमें बखूबी निभाना चाहिए।

    और एक रिसर्च से पता चला है कि विटामिन बी6 के तत्व से, डिप्रेशन से जो लड़ते हैं, वे लोग मधुमेह से बच सकते हैं। इसलिए, इस फल का सेवन करना ज़रूरी हो जाता है।

    इसलिए केला मधुमेह के रोगियों के लिए अत्यंत फायदेमंद है। बस इन चीज़ों का ध्यान रखते हुए, अगर हम अपने खांपान को इसी हिसाब से थोड़ा बद दें, और उचित मात्राओं में ही सब चीज़ खाएँ, तो मधुमेह से हमें राहत मिल सकती है।

    लेकिन अगर शरीर के स्वास्थ्य के प्रति हम ही ढील दे देंगे, तो कोई डॉक्टर भी हमें नहीं ठीक कर सकता। स्वस्थ रहने के लिए, सबसे पहले हमें अपना ध्यान रखना होगा।

    इसलिए निम्न कुछ तरीके दिए गए हैं जिससे आप केले को अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं।

    केले को खानपान में शामिल करने के तरीके

    1. जब आप केला खाते हैं, कच्चा या पक्का केला चलेगा। लेकिन उचित से ज़्यादा पका हुआ केला नहीं खाना चाहिए।
    2. एक कटोरे दलिए और नट्स में, आप केले के टुकड़े मिलाकर खा सकते हैं। ये एक स्वादिष्ट और स्वस्थ नाश्ता होता है।
    3. आप पूरे दिन में थोड़ी मात्राओं में केले को बार-बार भी खा सकते हैं। इस तरह से आपके शरीर में चीनी की मात्रा संतुलित रहेगी।
    4. इस फल को आप अन्य दूसरे आहार के साथ भी खा सकते हैं, जैसे की अन्य दूसरे फल।

    ध्यान में रखने वाली बातें

    अगर आपके डॉक्टर ने आपके खानपान की अलग चीज़ें बताई है, तो उस खानपान में कुछ भी दूसरा शामिल करने से पहले, उनसे सलाह-मश्वरा कर लें।

    इसके अलावा, केले मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत अच्छा होता है, अगर वे उन्हें सही तरीके से, और उचित मात्राओं में खाएँ।

    अगर आपका इस विषय में कोई भी सवाल या सुझाव हो, तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं।

    4 thoughts on “मधुमेह में केला खाने के फायदे, नुकसान”
    1. mujhe kela khaana bahut pasand hai yah mera favourite fruit hai
      kele ke baare mein jaankaari dene ke liye dhanyaavaad mujhe yah article bahut achchaa laga

    2. Hi good morning doctor
      मुझे चार सालो से शुगर की बीमारी है और मेरी सेहत कमजोर है तो मै डेली कितनी केले खा सकता हु और कब खा सकता हु सुबह दोपहर या रात को खाना खाने के बाद इन तीन टाईम मे कोनसा टाईम शुगर वालो के लिए अच्छा होता है जिसे शुगर ना बडे

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