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    मोहम्मद बिन सलमान और रामनाथ कोविंद

    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को अपने ताकतवर और विश्वसनीय साझेदार के साथ भारत की इच्छा साझा की थी। राष्ट्रपति भवन में मोहम्मद बिन सलमान की मेहमान नवाज़ी के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि सऊदी अरब के 2030 लक्ष्य में भारत भी साझेदार बनने के इच्छुक है।

    सऊदी अरब की पहली भारत यात्रा का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सऊदी अरब की सल्तनत के साथ सौहार्दपूर्ण और मैत्री सम्बन्ध का भारत आनंद लेता है। राष्ट्रपति कोविंद और क्राउन प्रिंस ने आतंकवाद के खात्मे और द्विपक्षीय संबंधों के बात बातचीत की थी।

    ट्वीटर पर राष्ट्रपति ने कहा कि “मानवता के लिए आतंकवाद सबसे गंभीर खतरा है। भारत और सऊदी अरब सही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को दुश्मनों की सेना को हराने और तबाह करने के लिए साथ आना चाहिए और उग्रवाद से लड़ाई करनी चाहिए।

    दिन की शुरुआत में भारत और सऊदी अरब ने आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की थी। 19 फरवरी को अपनी पहली दो दिवसीय भारत यात्रा में मोहम्मद बिन सलमान वरिष्ठ प्रतिनिधियों के समूह के साथ आये हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ निवेश, पर्यटन, आवास और सूचना व प्रौद्योगिकी के ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किये थे।

    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि “हमारे ऊर्जा क्षेत्र का सऊदी अरब सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्र रहेगा। इस क्रेता-विक्रेता के सम्बन्ध को रणनीतिक स्तर तक ले जाने की जरुरत है। हम सऊदी अरब के 2030 वीजन में साझेदार बनने की इच्छा रखते हैं। यह दोनों राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था में समानताएं है।

    राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि “भारतीय कंपनियों ने सऊदी अरब में रोजगार का सृजन किया है, विशेषकर तकनीकी क्षेत्र में काफी नौकरियां मिलनी शुरू हुई है। ऊर्जा सुरक्षा के लिए सऊदी अरब हमारा विश्वसनीय साझेदार रहेगा। विश्व की सबसे बड़ी आयल रिफाइनरी में अरामको की भागीदारी से हम बेहद प्रसन्न है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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