अर्जुन रामपाल ने ‘कहानी 2’, ‘डैडी’ और ‘पल्टन’ जैसी फिल्मो से दर्शको के सामने ये साबित कर दिया है कि वह जितना हैंडसम दिखते हैं, उससे भी ज्यादा अच्छा अभिनय कर सकते हैं। मगर उनका मानना है कि एक अभिनेता का पहला काम अभिनय नहीं बल्कि पुनर्खोज होता है। उन्होंने कहा कि जैसी इंसान भूमिकाओं को दोहराने लगता है, शेल्फ जीवन का जन्म होता है।
PTI से बात करते हुए उन्होंने बताया- “सभी अभिनेता वास्तव में इच्छाएँ रखते हैं कि वे स्वयं को सुदृढ़ करें। एक अभिनेता का प्राथमिक काम पुनर्खोज है। इसलिए मैं इसे रखना चाहता हूँ और विभिन्न चीजों को आजमाना चाहता हूँ।”
उन्होंने आगे कहा-“अगर आप एक ही चीज़ करते रहेंगे तो लोग आपको स्लॉट कर देंगे और निश्चित तरीके में वर्गीकृत होना एक अभिनेता के लिए शेल्फ जीवन बना रहा है।”
हालांकि, अभिनेता ने कहा कि ऐसी फिल्म बनाना जो सर्वत्र स्वीकार्य हो, वो किसी चुनौती से कम नहीं। उनके मुताबिक, “सर्वत्र स्वीकार्य फिल्म बनाने के लिए आपको विभिन्न दर्शकों की सेवा करनी पड़ेगी। जिस रास्ते पर चलने का फैसला मैंने किया है वो है कि वैसी ठेठ फिल्में ना करूँ जो आप देखते हैं। ये सचेत निर्णय मैंने लिया है।”
भले ही अभिनेता ने इस तरह की फिल्मो पर बयान दिया हो मगर ऐसी फिल्में अक्सर अच्छा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन नहीं लाती। इसपर अर्जुन ने कहा कि असफलता दर्दनाक है और मगर व्यक्ति इसपर अपना ध्यान केंद्रित करने का जोखिम नहीं उठा सकता।
उन्होंने बताया-“आपको इसे एक चुटकी नमक से साथ लेकर आगे बढ़ना होगा। आप लोगो को दोष देकर ये नहीं कह सकते कि ये उनकी गलती थी। जब आप ऐसा करते हैं तो आप खुद को कमज़ोर बना रहे होते हैं। आपको विचार करना और समझना पड़ेगा कि क्या था जो काम नहीं करा।”
अर्जुन पिछली बार वेब सीरीज ‘द फाइनल कॉल’ में नज़र आये थे। इस सीरीज में वह एक पायलट का किरदार निभा रहे हैं जो विमान उड़ाते समय आत्महत्या करने का फैसला करता है, जिससे सैकड़ों यात्रियों का जीवन खतरे में पड़ जाता है। सीरीज ज़ी5 पर 22 फ़रवरी को रिलीज़ हुई थी।
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