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    रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय ने म्यांमार से भागकर बांग्लादेश में शरण ली थी

    बांग्लादेश के विभागों ने 84 रोहिंग्या शरणार्थियों को मलेशिया के जोखिम भरा सफर करने से रोका है। रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से बांग्लादेश की सरहद पर आये थे। पकुआ की पुलिस ने कहा कि “विश्व के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर कुटुपलोंग से 67 रोहिंग्या मुस्लिमों को रोका गया है जो बोर्ड पर मछुवारों के जहाज का इंतज़ार कर रहे थे। इसमें 31 महिलाएं और 15 बच्चे भी है।

    बंगाल की खाड़ी में बांग्लादेश के सबसे छोटे द्वीप संत मार्टिन पर तटीय सुरक्षाकर्मियों ने 17 और रोहिंग्या शरणार्थियों को सफर करने से रोका है और इसमें पांच बांग्लादेशी तस्कर भी शामिल थे। क्षेत्रीय तटीय सुरक्षाकर्मी के कमांडर फैज़ुल इस्लाम मोंडोल ने कहा कि वे चेतावनी दिए जाने पर हरकते कर रहे हैं।

    अगस्त 2017 में बर्बर सैन्य कार्रवाई के दौरान करीब 740000 मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिंग्या म्यांमार से बांग्लादेश की तरफ भागकर आये थे। कॉक्स बाजार में भीड़भाड़ वाले इलाके में उन्होंने 300000 शरणार्थियों के साथ रहने गए थे जो पहले ही काफी बदतर हालातो में जीवन यापन कर रहे थे।

    म्यांमार और थाईलैंड में बेहतर अवसरों की तलास में हाज़री शरणार्थी शिविरों से भागने की कोशिश करते हैं। अपनी जिंदगी को बेहतर करने की ख्वाहिश में वह जोखिम सफर तय करते हैं लेकिन इनमे से अधिकतर अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर समूहों के हत्थे चढ़ जाते हैं।

    अधिकतर लोग इस सफर को मार्च से पहले करते हैं जब मानसून से पहले समंदर शांत रहता है। जानकारों के मुताबिक, तस्कर शरणार्थियों को समंदर  लिए मना लेते हैं। तस्करी के विषय में जानकार जीशु बरुआ ने कहा कि “यह हालात चेतावनी दे रहे हैं।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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