Fri. Apr 19th, 2024
    चीन और ईरान

    ईरान के विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्षी से बीजिंग में बातचीत के दौरान बीजिंग के साथ तेहरान के संबंधों की सराहना की है। अमेरिका के परमाणु संधि से निकलने के बाद ईरान वैश्विक बाजार में अपने लिए संभावनाएं तलाशने के कार्य में जुटा हुआ है।

    मोहम्मद जावेद जरीफ ने शुक्रवार को वांग यी से दिआओयुताई में स्टेट गेस्टहाउस में मुलाकात की थी। ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीददार चीन ही है। बैठक की शुरुआत में जरीफ ने कहा कि “हम चीन को विश्व में सबसे करीबी साझेदारों में एक देखते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “चीन के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग की ईरान की इच्छा है और यह हमारे लोगो के हितो को संरक्षित करेगा जिसमे सुरक्षा और शांति अहम है।”

    जरीफ से वांग ने मुलाकात में कहा कि “चीन को उम्मीद है कि ईरान की परमाणु संधि को पूरी तरह अमल में लाया जा सकता है। चीन एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करता है और अमेरिका द्वारा ईरान पर कथित अधिकार क्षेत्र का विरोध करता है।”

    सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री ने परमाणु संधि को कायम रखने की प्रतिज्ञा ली है और जटिल अशांत तत्वों को हटाने के लिए ईरान के कार्य करने की योजना बनायीं है। इस्लामिक रिपब्लिक पर दबाव बनाने के साथ ही वांशिगटन चीन के साथ व्यापार युद्ध में उलझा हुआ है।

    चीन ने मध्य पूर्व में तनाव को बढ़ाने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिका ने ईरान के प्रति आक्रमक रुख अख्तियार किया है और ऊर्जा बाज़ार व वैश्विक अर्थव्यवस्था को निराश किया है। हाल ही में ईरान की तेल पाइपलाइन पर ड्रोन से हमला किया गया था और सऊदी ने इसका कसूरवार ईरान को ठहराया है।

    अमेरिका ने क्षेत्र में युद्धपोत और बमवर्षक की तैनाती की है ताकि ईरान के संभावित खतरे को मात दी जा सके। इराक से गैर आपात कर्मचारियों को वापस बुलाने की अमेरिकी नीति को ईरान ने बकवास करार दिया है। तेहरान की परमाणु संधि को बचाने के लिए जावेद जरीफ ने भारत, जापान और चीन की यात्रा की थी।

    ईरान की न्यूज़ एजेंसी ने जरीफ के हवाले से कहा कि “समझौते को बचाने की बजाये चीन का ध्यान बयानबाजी पर है।” अमेरिका के संधि से निकलने के बावजूद अभी फ्रांस,  ब्रिटेन, रूस, चीन, जर्मनी और यूरोपी संघ अभी भी शामिल है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *