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    प्रियंका गाँधी वाड्रा का राजनीती में प्रवेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश के चुनावी प्रभारी के रूप में नियुक्त

    इतने सालों की अटकलों के बाद, आखिरकार प्रियंका गाँधी वाड्रा ने राजनीती में कदम रख ही दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपनी बहन को पूर्वी उत्तर प्रदेश का चुनावी प्रभारी के रूप में नियुक्त किया है।

    हालांकि प्रियंका को पिछले चुनावों में कांग्रेस की चुनाव रणनीतियों और उम्मीदवारों की सूची को औपचारिक रूप देने के लिए जाना जाता है, अब उनके पास इस भूमिका को निभाने के लिए आधिकारिक पद मिल गया है।

    पार्टी ने अशोक गहलोत द्वारा हस्ताक्षरित एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा-“माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने श्रीमती प्रियंका गाँधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश पूर्व के लिए AICC महासचिव नियुक्त किया है। वे फरवरी 2019 के पहले हफ्ते से कामकाज संभालेंगी।”

    पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए ज्योतिरादित्य सिंदिया को AICC महासचिव चुना है और गुलाम नवी आज़ाद को हरियाणा में चुनावी तैयारियां देखने के लिए भेज दिया है ताकि युवाओं को आकर्षित कर सकें।

    कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रियंका को सक्रीय राजनीती में डालने से उत्तर प्रदेश में भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन द्वारा पेश की गयी दोहरी चुनौती से लड़ने के लिए उन्हें प्रेरणा मिलेगी।

    सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के तुरंत बाद, राहुल गाँधी ने कहा था कि उनके पास सभी के लिए एक सरप्राइज है मगर शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये सरप्राइज प्रियंका गाँधी वाड्रा की शकल में सबके सामने आएगा।

    इससे ये भी पता चलता है कि कांग्रेस को अब पता चल गया है कि उत्तर प्रदेश जैसा बड़ा राज्य जिसमे लोक सभा की 80 सीटें होती हैं और केंद्र में सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभाता है, उसमे केवल एक प्रभारी नियुक्त करने से कुछ नहीं होगा।

    मगर प्रियंका के लिए ये आसान नहीं होने वाला है क्योंकि उन्हें एक ऐसा क्षेत्र दिया गया है जो कांग्रेस का गढ़ नहीं है। 2014 लोक सभा चुनाव में, यहाँ की 30 सीटों में से कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी और केवल एक सीट-गोरखपुर में दूसरे स्थान पर रही थी।

    और साथ ही उनका सीधा सामना होगा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जो भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में भी जाने जाते हैं।

    खबरें तो ये भी हैं कि प्रियंका लोक सभा चुनाव या तो अमेठी से लड़ सकती हैं जो उनके भाई राहुल गाँधी की सीट है या रायबरेली से जो उनकी माँ सोनिया गाँधी की लोक सभा सीट है।

    यहां तक कि जब वह किसी भी पार्टी के पद से दूर रहती थीं, तब भी उन्होंने सोनिया और राहुल के साथ दो निर्वाचन क्षेत्रों का पालन किया था।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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