रविवार के दिन, पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फ़वाद चौधरी ने निर्देशक नंदिता दास को अपनी मदद का आश्वासन देते हुए कहा है कि वे अपने देश में “मंटो” की रिलीज़ पर लगे प्रतिबन्ध को हटवा देंगे। उन्होंने ट्विटर के जरिये इस खबर की जानकारी देते हुए लिखा-“मैं आयातकों के ये फिल्म पाकिस्तान में लाने के लिए पीछे पड़ा हुआ हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि कोई ना कोई जरूर ये कम वाणिज्यिक फिल्म को दर्शकों तक पहुँचाने का जोखिल उठाएगा।”
नंदिता दास ने इस ट्वीट का जवाब देते हुए, फवाद का धन्यवाद किया है।
Shukriya @fawadchaudhry #FreeSpeech https://t.co/1csLEBQT2o
— Nandita Das (@nanditadas) December 16, 2018
मंत्री का ये जवाब तब आया जब शनिवार के दिन, नंदिता ने निराशा जताते हुए कहा था कि ये फैसला अनुचित है क्योंकि मंटो दोनों देशों(भारत और पाकिस्तान) से ताल्लुक रखते थे। नंदिता ने पाकिस्तान के कार्यकर्ता, लेखकों और कलाकारों के प्रति अपना आभार भी व्यक्त किया था जिन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से पत्र द्वारा “मंटो” की रिलीज़ पर से प्रतिबन्ध हटाने की अपील की थी।
उन्होंने लिखा-“मैं उन सभी कार्यकर्ताओं, लेखकों और कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने लगातार सामने आकर पीएम को एक पत्र लिखकर इस प्रतिबन्ध के खिलाफ अपील की।” निर्देशक ने उस पत्र का लिंक भी साझा किया जिस पर 16 लोगों ने हस्ताक्षर किये हुए थे और उनमे से तीन मंटो की बेटियाँ-निघत, नुसरत और नुजहत भी शामिल थी।
अक्टूबर में, पाकिस्तान के फिल्म प्रोडूसर एसोसिएशन(पीएफपीए) ने देश भर में इस फिल्म पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाने की मांग की थी।
पीएफपीए के वरिष्ठ अधिकारी चौधरी एजाज़ कामरान ने कहा था कि जब पाकिस्तानी फिल्में भारत में नहीं दिखाई जाती हैं तो उनके देश में भारतीय फिल्में क्यों दिखाई जाये।
“मंटो”, प्रसिद्ध उर्दू लघु कहानी लेखक सादत हसन मंटो की बायोपिक है जो विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए थे। उन्हें अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए लड़ने के लिए भी जाना जाता है। इस फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने मंटो का किरदार निभाया था।