Thu. Dec 5th, 2024
    सिंधु नदी

    भारत के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरूवार को कहा कि पूर्वी नदियों से पाकिस्तान की तरफ बह रहे जल की दिशा को मोड़कर जम्मू-कश्मीर और पंजाब की तरफ मोड़ देंगे, यह निर्णय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने लिया है। नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि “सम्मानीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान की तरफ जा रही नदियों का मार्ग मोड़कर जम्मू-कश्मीर और पंजाब की तरफ करने का निर्णय लिया है।”

    अधिकारी ने कहा कि “पूर्व में कहे अपने वक्तव्य को गडकरी दोबारा दोहरा रहे हैं। वह हमेशा से ही सिंधु नदी के अपने हिस्से को मोड़ने की बात कर रहे हैं, जो पाकिस्तान में बहता है। वह सदैव यह बात कहते रहे हैं।”

    नितिन गडकरी ने कहा कि “रावी नदी के शाहपुर कांदी पर बाँध के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। यह प्रोजेक्ट हमारे हिस्से के जल को संरक्षित करेगा और जम्मू-कश्मीर उसे इस्तेमाल करेगा और संतुलित मात्रा में जल सेकंड रावी बीस लिंक में जायेगा।”

    सिंधु जल संधि के अनुसार पूर्व नदियों (रावी, सतलुज और बीस) पर भारत का पूरा अधिकार है। लेकिन भारत को पश्चिम से बहती नदियों (सिंधु, झेलम और चेनाब) को बिना रूकावट के पाकिस्तान की तरफ बहने देना होगा। भारत पश्चिमी नदियों के जल का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन एक बिना नुकसान के तरीके से करना होगा। भारत घरेलू प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल कर सकता है, सिंचाई और हाइड्रोपावर प्रोडक्शन के लिए इस जल का इस्तेमाल संधि के तहत विशिष्ट तरीके से करना होगा।

    भारत और पाकिस्तान के बीच जल एक बेहद विवादित मुद्दा है। नई दिल्ली के साथ बातचीत में इस्लामाबाद हमेशा अन्यायपूर्ण जल बंटवारे का मुद्दा उठाता है। भारत के मुताबिक वह 1960 की संधि के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का निर्वाह बेहद ईमानदारी से करता है लेकिन इस्लामाबाद इसका विरोध करता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *