पाकिस्तान ने अपने सदाबहार दोस्त चीन से एक बार फिर दो अरब डॉलर का कर्ज लेगा। पाकिस्तान के अख़बार डॉन के मुताबिक वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता और सलाहकार खककान नजीब खान ने कहा कि “चीन से 2.1 अरब डॉलर कर्ज लेने की सारी आधिकारिक औपचारिकता पूरी की जा चुकी है। यह राशि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में 25 मार्च तक आएगी।”
उन्होंने कहा कि “कर्ज से विदेश मुद्रा भंडार वृद्धि होगी और रकम चुकाने में संतुलन सुनिश्चित होगा।” इससे पूर्व पाकिस्तान को सऊदी अरब और यूएई ने एक-एक अरब डॉलर की मदद की हुई है। इस्लामाबाद बैलआउट पैकेज के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रक कोष के साथ भी वार्ता कर रहा है।
बीते वर्ष नवंबर में चीनी प्रधानमंत्री और इमरान खान की मुलाकात के बाद चीन ने कहा था कि “वह पाकिस्तान को आर्थिक मदद करने के बेहद इच्छुक है। ताकि वह आर्थिक संकट से उभर सके और इस पर बातचीत जारी है।”
चीनी कांसुएल जनरल लांग डिंगबिन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान के क्षेत्रों में निवेश कर रहा है। साथ ही कर्ज मुहैया करने की बजाय कारोबार की स्थापना कर रहा है।”
हाल ही में पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा था कि इस्लामाबाद को आईएमएफ से आठ अरब डॉलर की रकम की जरूरत है। हालांकि पाकिस्तान को सऊदी अरब और यूएई की मदद से काफी राहत पंहुची थी। आईएमएफ कार्यक्रम बहुपक्षीय संसाधनों के मार्गो को खोलने के लिए बेहद जरूरी है। इसमे विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक भी शामिल है।