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    अमेरिका और चीन आठवें स्तर की व्यापार वार्ता 28-29 मार्च को करेगा। इसमे उच्च स्तरीय आर्थिक और व्यापार के बाबत चर्चा होगी।

    ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि “इस वार्ता के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रोबर्ट लइटीज़र और ट्रेज़री सेक्रेटरी स्टीवन मनुचिन को चीन आने को आमंत्रित किया है।”

    प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गाओ ने कहा कि “उप प्रधानमंत्री लियू ही और चीन-अमेरिकी वार्ता के प्रतिनिधि को अप्रैल के माह में नौंवी चरण की वार्ता के लौए वांशिगटन आने का निमंत्रण दिया गया है। दोनो पक्षों ने कई बार फ़ोन पर आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों पर बातचीत भी की है।”

    हाल ही में, 1 मार्च से पूर्व बैठक के आयोजन के बाबत डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि इस तय समयसीमा से पूर्व मुलाकात नहीं हो सकती है। ट्रम्प ने कहा कि अंतिम प्रस्ताव मेरे और शी जिनपिंग के मुलाकात के बाद ही संपन्न हो पायेगा।

    रायटर्स के मुताबिक चीन के वाणिज्यिक मंत्री वांग शौवेन ने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता बराबरी और साझा हितों से जुड़ी हुई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उम्मीद हैं कि दोनों देश अपने बीच जमी बर्फ को पिघालने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाएं।

    चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अगले सप्ताह आयोजित जी -20 के सम्मेलन में मुलाकात कर सकते हैं। व्यापार समझौते पर दुनिया की दो ताकतवर अर्थव्यवस्थाएं टकराती रही है।

    वांशिगटन चाहता है कि अमेरिका अपने बाज़ार के द्वार खोले और उद्योगिक सब्सिडी घटाकर, 375 बिलियन डॉलर के व्यापार अंतर को भरे। डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी उत्पादों के निर्यात पर 250 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाया था। सूत्रों के मुताबिक 200 बिलियन डॉलर के चीनी उत्पादों पर जनवरी से 10 से 25 फीसदी तक बढेगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने धमकी दी है यदि चीन अमेरिका की मांगों को पूरा करने में असमर्थ रहता है तो 267 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाया जायेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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