नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2022): पिछले 1 हफ्ते से लगातार नोबल पुरस्कारों (Nobel Prize) की घोषणा जारी है। हर साल अक्टूबर के महीने में स्वीडन और नॉर्वे में स्थित नोबेल कमिटी विभिन्न श्रेणी- विज्ञान (मेडिसिन या फिजियोलॉजी, भौतिकी, तथा रसायन विज्ञान), साहित्य, अर्थशास्त्र और शांति के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा करती है।
इस हफ्ते सोमवार से अब तक रोज एक क्षेत्र के लिए नोबेल पुरस्कारों की घोषणा होती रही है। अभी तक इस वर्ष के मेडिसिन, भौतिकी, रसायन और अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। लेकिन भारत को इन्तेजार है- शांति के नोबेल पुरस्कार के ऐलान का।
भारत के प्रतीक सिन्हा और जुबैर हैं नोबेल शांति पुरस्कार के लिए फेवरेट
![भारत के दो नागरिक प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के संभावितों का नाम है। प्रतीक और जुबैर ऑल्ट न्यूज नाम की वेबसाइट चलाते हैं](https://hindi.theindianwire.com/wp-content/uploads/2022/10/Pratik-Zubair.jpg)
![भारत के दो नागरिक प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के संभावितों का नाम है। प्रतीक और जुबैर ऑल्ट न्यूज नाम की वेबसाइट चलाते हैं](https://hindi.theindianwire.com/wp-content/uploads/2022/10/Pratik-Zubair.jpg)
विश्व की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक टाइम मैगजीन (Time Magazine) के अनुसार भारत के दो नागरिक प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर का नाम इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के संभावितों में है। प्रतीक और जुबैर ऑल्ट न्यूज नाम की वेबसाइट चलाते हैं (जो फैक्ट चेकिंग का काम करते हैं)।
The winner of the Nobel Peace Prize will be announced at 11am local time on Friday in Oslo, Norway. Here are some of the favorites to win https://t.co/nF3RPBkoSe
— TIME (@TIME) October 5, 2022
मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा भारत मे गलत सूचनाओं, फेक न्यूज, हेट स्पीच, और सोशल मीडिया के अफवाहों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। हालांकि इसके लिए उन्हें कई बार परेशानियों का सामना भी करना पड़ा है।
जुबैर को अभी इसी साल जून जुलाई के महीने में उनके खिलाफ एक के बाद एक सिलसिलेवार तरीके से कई मुकदमों में जेल भी जाना पड़ा जिसका देश-विदेश हर जगह से विरोध हुआ। इसे प्रेस की आज़ादी छीने जाने के तौर पर भी देखा गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में जुबैर को जमानत दी और उनकी रिहाई हुई।
यहाँ यह स्पष्ट कर दें कि यह रिपोर्ट टाइम मैगज़ीन के खबर के आधार पर है। नोबेल कमेटी आधिकारिक तौर पर अपने नॉमिनिज के नाम को सार्वजनिक नहीं करती है।
हालांकि कहा जा रहा है कि टाइम मैगज़ीन ने अपने खबर में जिन फेवरेट नामों या संभावित विजेताओं के नामों की घोषणा की है, वह नॉर्वे के सांसदों ने और ओस्लो पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर द्वारा शॉर्टलिस्टेड नामों पर आधारित है।
जुबैर और प्रतीक सिन्हा के अलावे इस साल अन्य संभावितों में कुछ अन्य प्रभावी नाम भी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दामिर ज़लेंसकी, UN रिफ्यूजी एजेंसी, WHO आदि भी इसी लिस्ट में शामिल हैं।
कौन देता है नोबल शांति पुरस्कार
नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता का नाम पांच सदस्यों की एक कमेटी करती है जिसे नॉर्वे की संसद द्वारा बनाया जाता है। यह पुरस्कार भी नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में दिया जाता है। जबकि बाकि के अन्य पांच नोबेल पुरस्कार स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में प्रदान किये जाते हैं।