1990s और 2000s के बच्चों की कुछ ख्वाहिशें बड़ी सुनहरी होती हैं। जैसे कि- काश! अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा ही PM होते… काश! लता मंगेशकर हमेशा के लिए चिरंजीवी होती… काश! हम 2003 के क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल जीत जाते….
बात क्रिकेट की हो तो इन “काश” का दायरा थोड़ा और बढ़ जाता है। जैसे काश! सचिन कभी रिटायर नहीं होते… काश! धोनी हमेशा के लिए भारतीय टीम का कप्तान रहे….. पर समय का पहिया हर इन ख्वाहिशों पर विराम लगाता रहा है। हर चीज की एक उम्र तय होती है। लिहाजा प्रकृति का यह नियम क्रिकेट के लिए भी लागू होती हैं।
जब सचिन ने रिटायरमेंट ली तो करोड़ो भारतीयों के उम्मीदों का बोझ धोनी केकंधों पर आ गया। और भारत के एक छोटे से क्षेत्र (झारखंड) जो कोयले की खदानों के लिए प्रसिद्ध है, से निकला यह शख्स चमकता हीरा निकला।
किस्मत की बाजी देखिये, नए नवेले लंबे जुल्फों वाले महेंद्र सिंह धोनी को 2007 में हुए पहले ICC T20 वर्ल्ड कप की कमान भी महान सचिन तेंदुलकर के ही शिफारिश पर दी गयी। उसके बाद धोनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
देश को उसके कप्तानी का ऐसा नशा छाया कि देखते देखते महेंद्र सिंह धोनी भारत के लिए तीनों क्रिकेट प्रारूपों में कप्तान बना दिये गए। उनके कप्तानी में भारत का प्रदर्शन बेहतरीन रहा और ICC के हर टूर्नामेंट को जीतने का गौरव मिला।
इसी बीच 2008 मे आईपीएल की शुरुआत हुई और चेन्नई सुपर किंग्स ने कप्तानी का दांव लगाया धोनी पर। धोनी ने भी अपने फ्रेंचाइजी को निराश ना करते हुए 4 आईपीएल फाइनल में ट्रॉफी जिताकर दे दिए।
लेकिन वक़्त का पहिया चलता रहा और धोनी के खेल में भी बदलाव आना शुरू हो गया। इसका असर उनके कप्तानी पर भी पड़ा। 2014-15 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बीच मे अचानक ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी भी छोड़ दी और टेस्ट क्रिकेट से सन्यास भी ले लिया।
फिर उसके कुछ साल बाद तक धोनी T20 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में भारत की कप्तानी संभालते रहे लेकिन 2017 की शुरुआत में उन्होंने इन दोनों प्रारूपों की कप्तानी भी छोड़ दी। उनके प्रसंशको को निराशा जरूर हुई पर अच्छी बात यह थी कि वह आईपीएल में CSK के कप्तान बने थे और साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज खेल रहे थे।
धोनी (Dhoni) ने टेस्ट क्रिकेट से बहुत पहले सन्यास ले लिया था। उसके बाद वह T20 और एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काफी सालों तक खेलते रहे। फिर 2019 ICC एकदिवसीय विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया।
धोनी के प्रसंशको के लिए यह हज़म करना कि वह अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में नहीं दिखेंगे, आसान कतई नहीं था। उसके बाद एक उम्मीद आईपीएल पर थी कि कम से कम इसमें तो वह मैदान पर लड़ते दिखेंगे।
लेकिन अचानक महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को फिर एक सरप्राइज दिया और ये सरप्राइज क्रिकेट प्रेमियों और धोनी के प्रसंशको के लिए कतई भी अच्छी खबर नही है।
धोनी ने IPL-2022 के शुरू होने से महज दो दिन पहले चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी छोड़ने का फैसला कर सबको चौंका दिया और अब टीम की कमान दिग्गज ऑल राउंडर रविन्द्र जडेजा को कप्तान नियुक्त किया गया है। और इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट के परिदृश्य में एक सफलतम कप्तान का हर तरह के प्रारूप से “कप्तानी-युग” का अंत हो गया।
क्या धोनी-युग का भी “दी-एंड ” नजदीक है?
अब सवाल यह है कि क्या ये बस धोनी के कप्तानी युग का अंत है या फिर “धोनी-युग” का भी अंत हो गया है? अब जबकि उन्होंने कप्तानी छोड़ दी है, 40 साल की आयु में उनके प्रदर्शन में भी निरंतर गिरावट आई है; ऐसे में उनके प्रसंशको को यह डर सताने लगा है कि क्या धोनी पूरे सीजन चेन्नई के लिए खेलेंगे? क्या यह उनका आखिरी सीजन होगा? या कहीं ऐसा तो नहीं कि एक फैरवेल मैच दे दिया जाए और फिर धोनी हमेशा के लिए रिटायर हो जाएंगे??
ऐसी तमाम अटकलबाजियां हवा में उछाले जा रहे हैं, जिसका जवाब तो सिर्फ धोनी ही जानते हैं। हालांकि काफी कुछ साफ हो जाएगा जब मुम्बई के बानखेड़े स्टेडियम में 26 मार्च को चेन्नई (CSK) अपना पहला मैच खेलने उतरेंगे।
“महेंद्र” सिंह धोनी के बाद “रविन्द्र” जडेजा
चूँकि सुरेश रैना इस सीजन आईपीएल (IPL) नीलामी में अनसोल्ड रहे और इस आईपीएल में खिलाड़ी के तौर पर शिरकत नहीं करेंगे। ऐसे में चेन्नई (CSK) के पास कोई बेहतर विकल्प हो सकता था तो वे थे रविन्द्र जडेजा।
जडेजा साल 2012 से चेन्नई (CSK) की टीम का हिस्सा रहे हैं। इस सीजन की नीलामी में चेन्नई (CSK) ने 16 करोड़ रुपये की महंगी रकम देकर रिटेन किया है। ग़ौरतलब है कि चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) द्वारा रिटेन किये गए खिलाड़ियों की सूची में जडेजा का नाम धोनी से पहले था। और तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि क्या धोनी पूरे सीजन खेलेंगे? और खेलेंगे तो कप्तानी करेंगे या नहीं??
आज इन सभी अगर मगर पर एक पूर्ण-विराम तो नहीं पर अर्ध-विराम जरूर लगा दिया गया है। यह तो साफ हो गया कि चेन्नई इस बार कप्तान के तौर पर जडेजा को उतारने वाली है। चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) आगामी 26 मार्च को कोलकाता नाईट राइडर्स के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आईपीएल (IPL) 2022 सीजन की शुरुआत करेगी।
जडेजा चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) की कमान संभालने वाले तीसरे खिलाड़ी होंगे। इस से पहले धोनी के अलावे सुरेश रैना ने चेन्नई की कप्तानी की है।
📑 Official Statement 📑#WhistlePodu #Yellove 💛🦁 @msdhoni @imjadeja
— Chennai Super Kings (@ChennaiIPL) March 24, 2022
शानदार रहा है कप्तान धोनी का रिकॉर्ड
धोनी का आईपीएल कैरियर कप्तान के तौर पर काबिल-ए-तारीफ़ रहा है। वह रोहित शर्मा के बाद आईपीएल के दूसरे सबसे सफल कप्तान रहे हैं।
धोनी ने कुल 204 मैचों में कप्तानी की है जिसमें 121 (59.6%) जीत दर्ज की है जबकि 82 मैचों में हार कासामना किया है। वहीं एक मैच परिणाम-रहित था। इस दौरान उन्होंने 4 IPL ट्रॉफी भी चेन्नई के लिए जीती हैं।
MS Dhoni 💛 Chennai Super Kings 💛 Captaincy
What a journey it has been! 🙌 🙌#TATAIPL | @msdhoni | @ChennaiIPL pic.twitter.com/tOOalhh3kA
— IndianPremierLeague (@IPL) March 24, 2022
बल्लेबाज के तौर पर चेन्नई के लिए खेलते रहेंगे
यहाँ एक बात साफ कर देना जरूरी है कि महेंद्र सिंह धोनी एक बल्लेबाज के तौर पर चेन्नई के लिए उपलब्ध होंगे और यह बात किसी को सबसे ज्यादा सुखदायी लगेगी तो वह हैं- नए कप्तान जडेजा। उनके अनुभवों का लाभ मिलते रहना, एक नए कप्तान के लिए इस से अच्छी बात और क्या हो सकती है।
हालांकि यह पहली बार नहीं होगा कि वह सिर्फ एक खिलाड़ी के तौर पर मैदान पर उतरेंगे। इस से पहले जब चेन्नई की टीम पर 2 साल का बैन लगाया गया था तब वह पुणे की टीम के लिए बतौर बल्लेबाज खेल चुके हैं।