तमिल नाडू में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने बुधवार को तमिलनाडु और पुदुचेरी में लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए, यहां तक कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के कैडर भाजपा के साथ गठजोड़ के प्रबल विरोधी थे।
तमिल नाडु में 39 लोक सभा सीट हैं और पुडुचेरी में केवल एक।
पार्टी प्रवक्ता सी पोन्नैयन ने एनडीटीवी को बताया कि “कैडर भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं चाहता है। वे गुस्से में हैं कि उन्होंने तमिल नाडू के हित का ध्यान नहीं रखा। पार्टी के कार्यकारी जल्द फैसला लेंगे।”
जब उनसे पूछा गया कि पार्टी के कार्यकर्त्ता क्यों भाजपा से खफ़ा हैं तो उन्होंने कहा कि भाजपा ने कावेरी मुद्दे में कर्नाटक का समर्थन किया। उनके मुताबिक, “उन्होंने हिंदी लागू करदी, नीट लागू कर दिया, उन्होंने राजीव गाँधी हत्या मामले में दोषी लोगों को रिहा नहीं किया और ना ही चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों के लिए पर्याप्त धनराशि जारी की।”
हालाँकि दूसरी तरफ, भाजपा बेफिक्र है और आशावादी है कि अन्नाद्रमुक उनके साथ गठबंधन कर लेगा।
पार्टी प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने बताया-“केवल कुछ ही अन्नाद्रमुक नेता गठबंधन का विरोध कर रहे हैं। इपीएस और ओपीएस अंतिम फैसला लेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि दोनों के बीच सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण है और उन्हें भरोसा है कि गठबंधन हो जाएगा।
उन्होंने भाजपा के ऊपर लगे इल्जामो को भी खारिज किया और कहा-“वो भाजपा ही थी जिसने कावेरी प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया। जब जयललिता ने नीट से राज्य को एक साल के लिए छूट देने के लिए कहा, तो वे केंद्र था जिसने सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी ली थी।”