अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया से अतिरिक्त प्रतिबंधों को शुक्रवार को हटा दिया है। हनोई में आयोजित शिखर वार्ता की विफलता के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबन्ध थोप दिए थे। यह कदम डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता को जारी रखने के लिए एक बेहद उम्दा माना जा रहा है।
It was announced today by the U.S. Treasury that additional large scale Sanctions would be added to those already existing Sanctions on North Korea. I have today ordered the withdrawal of those additional Sanctions!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) March 22, 2019
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा कि “अमेरिकी ट्रेज़री ने आज ऐलान किया कि उत्तर कोरिया पर लागू प्रतिबंधों के साथ ही बड़े स्तर के प्रतिबन्ध भी थोप दिए गए हैं। मैंने आज इन अतिरिक्त प्रतिबंधों को हटाने का आदेश दिया था।” इस बयान पर व्हाइट हाउस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालाँकि उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि वह उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को पसंद करते हैं।
इसके जरिये अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता को वापस पटरी पर लाना चाहता हैं जो बीते माह बिगड़ गयी था, जब बिना समझौते के मुलाकात को रद्द कर दिया था।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सांडर्स ने कहा कि “राष्ट्रपति उत्तर कोरिया के नेता को पसंद करते हैं और उनके अनुसार यह प्रतिबन्ध जरुरी नहीं है।” अलबत्ता, इसकी पुष्टि नहीं की गयी है कि किस प्रकार के प्रतिबंधों से उत्तर कोरिया को रियायत दी गयी है।
वियतनाम में दूसरी मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि किम जोंग उन के साथ उनके सम्बन्ध अच्छे हैं। इस वार्ता के बाद पहली बार अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका ने उत्तर कोरिया के साथ ही चीन की दो कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। उन पर आरोप है कि प्रतिबंधों के बावजूद चीनी कंपनियों ने उत्तर कोरिया को मदद पंहुचाई थी।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग नें मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चीन संयुक्त राष्ट्र द्वारा उत्तर कोरिया पर लगाये जा रहे प्रतिबन्ध का पालन कर रहा है, लेकिन यदि कोई देश अपने नियमों के अनुसार यदि कोई प्रतिबन्ध लगाता है, तो चीन उसका विरोध करेगा। जाहिर है गेंग शुआंग का निशाना अमेरिका की तरफ था।