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    सूडान में प्रदर्शन

    सूडानी जांच समिति के प्रमुख ने शनिवार को कहा कि “3 जून को सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया था उसमे 87 लोग मारे गए थे और 168 घायल हो गए थे। समिति के प्रमुख फत अल-रहमान सईद ने पत्रकारों को बताया कि मारे गए लोगों में से 17 प्रदर्शनकारियों के कब्जे वाले वर्ग में थे और 48 घायल घायल हो गए थे।”

    उन्होंने कहा कि “कुछ सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की और तीन अधिकारियों प्रदर्शनकारियों पर धावा बोलकर आदेशों का उल्लंघन किया था। साथ ही प्रदर्शनकारियों को कोड़े मारने का आदेश भी जारी किया गया था।”

    मीडियाकर्मियों ने कहा कि “127 लोग मारे गए थे और 400 लोग घायल हो गए थे, जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 61 लोगों की जान गयी थी।” राजधानी खार्तूम में सैन्य मुख्यालय के बाहर बैठना विरोध प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शनों के कारण 11 अप्रैल को लंबे समय तक सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति उमर अल बशर को हटा दिया गया था।

    सईद ने कहा, “कुछ लोगों ने प्रदर्शनकरियों का शोषण किया और एक अन्य सभा का गठन किया  था। जिसे कोलंबिया क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां नकारात्मक और गैरकानूनी प्रथाएं चलती थी। यह एक सुरक्षा खतरा बन गया, अधिकारियों को क्षेत्र को खाली करने के लिए जरुरी कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।”

    तीन सालो के लिए सत्ता साझा करने की योजना को अंतिम रूप देने के लिए समझौते पर सेना और विपक्ष ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। तीन वर्षों के ट्रांजीशन पीरियड के दौरान नागरिक सरकार के गठन के लिए चुनाव का आयोजन किया जायेगा।

    अशांति सूडान दिसम्बर 2018 सूडान वापस शान्ति की पटरी पर वापस आ सकता था, जब राष्ट्रपति ओमर का तख्तापलट सेना ने किया था। महीनो के प्रदर्शन के बाद सेना ने राष्ट्रपति को पद से बर्खास्त कर दिया था और हुकूमत की बागडोर संभाली थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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