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    बेटे जुनैद खान पर बोले आमिर खान: उसे फिल्मों से ज्यादा थिएटर में दिलचस्पी है

    जहाँ नेपोटिस्म की गरमा-गरम बहस के बीच, कई स्टार-किड बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे हैं, तो ऐसे में मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान के बेटे जुनैद खान को कैसे भूल सकते हैं। आमिर खान खुद एक फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका फिल्मों में आने का कोई इरादा नहीं था, बस उनके काका ने उन्हें एक फिल्म में इसलिए कास्ट किया क्योंकि उन्हें और दूसरा अभिनेता नहीं मिल रहा था, और उसके बाद क्या हुआ ये तो सभी जानते हैं। और अब जब आमिर के बेटे के ऊपर बात आई, तो दंगल अभिनेता ने कहा कि उन्हें फ़िलहाल थिएटर में दिलचस्पी है और वह उनका समर्थन कर रहे हैं।

    जुनैद जो आमिर और उनकी पहली पत्नी रीना दत्ता के बेटे हैं, उन्होंने राजकुमार हिरानी को फिल्म ‘पीके’ की शूटिंग के दौरान सहायता की थी जिसमे उनके पिता मुख्य किरदार में नज़र आये थे।

    जुनैद के अभिनय डेब्यू पर आमिर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा-“फैसला उस पर है। उसे अपनी ज़िन्दगी अपने हिसाब से चलनी चाहिए और अपने फैसले खुद लेने चाहिए। मैं उसके लिए नहीं लेना चाहता। मैंने सब कुछ उसपर ही छोड़ दिया है। उसे निश्चित रूप से रचनात्मक दुनिया और फिल्ममेकिंग की तरफ झुकाव है।”

    “वह अपने रास्ते पर चल रहा है, उसने थिएटर पढ़ा है। उसे दरअसल फिल्मों से ज्यादा थिएटर में दिलचस्पी है। मैं उसे जाने और अपना रास्ता खुद बनाने के लिए अनुमति दे रहा हूँ। ये ऐसा ही होना चाहिए। वह बहुत उज्ज्वल है।”

    एक बार सुपरस्टार ने ये स्पष्ट किया था कि अगर उनका बेटा जुनैद खान बॉलीवुड में अभिनेता के तौर पर आता है तो उसे उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा और किरदारों के लिए ऑडिशन देने होंगे। उनके मुताबिक, “अगर मुझे लगता है कि मेरे पास कुछ है और अगर जुनैद फिट बैठता है तो तब ही मैं उसे कास्ट करूँगा। उसे कास्टिंग की प्रक्रिया से गुज़रना होगा। उसने किसी चीज़ के लिए ऑडिशन नहीं दिया है।”

    अपने आठ साल के बेटे आजाद के बारे में बात करते हुए सुपरस्टार ने कहा कि उन्होंने आजाद के साथ ज्यादा समय बिताना शुरू कर दिया है।

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    उन्होंने कहा-“किरण ने मुझे दो-तीन साल पहले बोला था कि मैं उन लोगों की परवाह नहीं करता हूँ और वो इसे शिकायत की तरह नहीं कह रही हैं और वो समझना जरूरी है। उसके बाद एक चीज़ बदल गयी कि मैं शाम के 6 बजे तक घर आने लगा। 6 बजे से 8 बजे तक, मैं आजाद के साथ रहता हूँ और 8 बजे के बाद, मैं फिर काम शुरू कर देता हूँ। मगर जब मैं उसके साथ दो घंटे रहता हूँ, मैं उसे पढ़कर सुनाता हूँ, बातें वगरेह करता हूँ।”

     

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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