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    सुप्रीमकोर्ट ने बुधवार को जस्टिस रंजन गोगोई की देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कि गयी नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका को ख़ारिज कर दिया। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा, “नियुक्ति की विषय में चर्चा करने के लिए या नियुक्ति में हस्तक्षेप करने के अधिकार पीठ को हासिल नहीं हैं और इस विषय चर्चा न की जाए तो अच्छा होगा।”

    वकील आर पी लूथरा और सत्यवीर शर्मा के ओर से दायर याचिका में जस्टिस रंजन गोगोई को देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने पर आपत्ति व्यक्त की गयी थी। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, कोर्ट के अन्य तीन वरिष्ट न्यायाधीशों समेत पत्रकार परिषद लेकर कोर्ट के आपसी मतभेदों को जस्टिस गोगोई ने उजागर किया था।

    याचिकाकर्ताओं ने कहा, “देश के चार वरिष्ट जजों द्वारा किया गया यह कृत्य, देश के न्यायिक व्यवस्था पर किया गया एक हमला हैं।”

    सर्वोच्च न्यायलय में मुख्य न्यायाधीश के बाद सबसे वरिष्ट न्यायाधीश रंजन गोगोई को 13 सितम्बर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने परंपरा अनुसार सबसे वरिष्ट न्यायाधीश को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामांकित किया था।

    देश के 46वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस गोगोई का कार्यकाल 13 महीनो तक 17 नवम्बर 2019 तक होगा। वर्तमान परिस्थिति में जस्टिस गोगोई नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन्स से जुडी याचिका और लोकपाल के नियुक्ति से जुडी याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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