भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा अगले कुछ वर्षो के लिए विशिष्ट लक्ष्यो पर चर्चा करने के लिए अनिच्छुक है, लेकिन उनके कोच यूवे होन ने 2020 ओलंपिक में पदक जीतने के लिए पूर्व भाला फेंक विश्व जूनियर चैंपियन के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है। चोपड़ा ने पिछले साल उस समय प्रमुखता से अभ्यास किया जब उन्होने राष्ट्रमंडल और एशियन गेम्स दोनो में भारत के लिए दुर्लभ ट्रैक-द-फील्ड सफलता प्राप्त की।
गोल्ड-कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेल में चोपड़ा ने 86.47 मीटर दूर तक अपने भाले को पहुंचाया था और ऐसा ही कुछ सामान्य हमे डायमंड लीग दोहा में देखने को मिला जब उन्होने 87.43 तक भाला पहुंचाया। जकार्ता एशियन गेम्स में चोपड़ा ने सत्र का सबसे अच्छा 88.06 मीटर का थ्रो फेंका, जिसकी वजह से वह आईएएएफ रैंकिंग 2018 में छठा स्थान मिला।
होन ने रॉयटर्स को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा, “इस वर्ष के लिए हमारा लक्ष्य स्वस्थ रहने और बेहतर होने के अलावा, 92 मीटर थ्रो फेंकने और विश्व चैंपियनशिप में दोहा में शीर्ष छह में रहने का भी है। उसके बाद हम 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए 94 मीटर थ्रो के लिए आगे बढ़ेंगे।” होन 100 मीटर से अधिक भाला फेंकने वाले एकमात्र एथलीट हैं, जिन्होंने 1984 में पूर्वी जर्मनी के लिए 104.8 मीटर का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। दो साल बाद पुरुषों के भाला को फिर से डिजाइन किया गया था और इसके गुरुत्वाकर्षण के केंद्र को चार सेंटीमीटर आगे बढ़ाया गया था।
1992 से लगातार तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले चेक थ्रोअर जान ज़ेलेज़नी ने 1996 में 98.48 मीटर के अपने विश्व रिकॉर्ड के साथ अब तक के पांच सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंके हैं। जबकि भारत को ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने से पहले 1900 से नॉर्मन प्रिचर्ड के बाधा दौड़ के रजत पदक का श्रेय दिया जाता है, दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश खुद को ओलंपिक में कभी भी एथलेटिक्स पदक नहीं जीतवा पाया है।
21 साल के चोपड़ा इस समय आईएएफ विशश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर है और उनके पास एक बेहतरीन मौका है कि वह अगले साल टोक्यो ओलंपिक में भारत के सूखे को खत्म कर दे। एथलीट मे रॉयटर्स को दिए हाल के इंटरव्यू में कहा था कि 2019 साल 2018 से ज्यादा महत्वपूर्ण है।