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    व्हाइट हॉउस की प्रवक्ता

    अमेरिका के प्रशासन ने सोमवार को कहा कि “उत्तर कोरिया पर शुरुआत के प्रतिबन्ध लागू रहेंगे। परमाणु कार्यक्रमों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति अधिक प्रतिबन्धों का बोझ उत्तार कोरिया के कांधो पर डालने के इच्छुक नहीं थे।” व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सांडर्स ने कहा कि “उत्तर कोरिया पर पहले के प्रतिबन्ध अभी भी जारी है। वे बेहद कठोर प्रतिबन्ध है।”

    योनहाप न्यूज़ एजेंसी ने सारा सांडर्स के हवाले से कहा कि “राष्ट्रपति को इस वक्त अतिरिक्त प्रतिबंधों को लगाने की जरुरत महसूस नहीं होती है। कोई भी प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है।”

    22 मार्च को डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया पर बड़े स्तर के प्रतिबन्ध थोपे थे। डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा था कि “बड़े स्तर के ज्यादा प्रतिबंधों को उत्तर कोरिया पर लागू किया जा रहा है। मौजूदा प्रतिबंधों के साथ इन प्रतिबंधों को भी जोड़ा जायेगा। हालाँकि मैंने अतिरिक्त प्रतिबंधों को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।”

    हनोई में आयोजित शिखर वार्ता की विफलता के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबन्ध थोप दिए थे। इसके जरिये अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता को वापस पटरी पर लाना चाहता हैं जो बीते माह बिगड़ गयी था, जब बिना समझौते के मुलाकात को रद्द कर दिया था।

    व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सांडर्स ने कहा कि “राष्ट्रपति उत्तर कोरिया के नेता को पसंद करते हैं और उनके अनुसार अतिरिक्त प्रतिबन्ध जरुरी नहीं है।” अमेरिका ने उत्तर कोरिया के साथ ही चीन की दो कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों के बावजूद चीनी कंपनियों ने उत्तर कोरिया को मदद पंहुचाई थी।

    प्रतिबंधों के साथ ही अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह उत्तर कोरिया की मांग को पूरा नही करेगा और इससे न सिर्फ पियोंगयांग बल्कि बीजिंग भी खतरे में हैं। उत्तर कोरिया की मदद करने वाली चीन की सभी कंपनियों पर अमेरिका के प्रतिबंधों का खतरा मंडरा रहा है।

    डोनाल्ड ट्रम्प नें हटाये थे प्रतिबन्ध

    https://twitter.com/realDonaldTrump/status/1109143448634966020

    डोनाल्ड ट्रम्प नें 22 मार्च को ट्वीट करके कहा था कि उन्हें पता चला है कि उनके प्रशासन नें उत्तर कोरिया पर कुछ प्रतिबन्ध लगाये हैं और वे इन प्रतिबन्ध को हटाना चाहते हैं

    ट्रम्प के इस ट्वीट को कई लोग समझ नहीं पाए थे। लोग जानना चाहते थे कि ट्रम्प किन प्रतिबन्ध की बात कर रहे हैं।

    कुछ लोगों का मानना था कि ट्रम्प उन प्रतिबन्ध की बात कर रहे हैं जो हाल ही में ट्रम्प सरकार नें कुछ चीन की कंपनियों पर लगाये थे क्योंकि ये कंपनियां उत्तर कोरिया के साथ व्यापार कर रही थी।

    ट्रम्प के इस ट्वीट के तुरंत बाद वाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सांडर्स नें कहा था कि ट्रम्प नें ये प्रतिबन्ध इसलिए हटाये हैं क्योंकि वे किम जोंग उन को पसंद करते हैं और डोनाल्ड ट्रम्प का मानना है कि इन प्रतिबन्ध की जरूरत नहीं है।

    डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोन उन की मुलाकात

    27 और 28 फरवरी 2019 को अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच हनोई, वियतनाम में सम्मलेन हुआ था।

    दोनों नेताओं के बीच यह दूसरा मौका था, जब दोनों आमने-सामने थे। इससे पहले दोनों नेता जून 2018 में सिंगापुर में मिले थे।

    दोनों नेताओं के बीच दो दिन मुलाकात हुई और इस दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई थी।

    28 फरवरी को अमेरिका के वाइट हाउस नें घोषणा की कि सम्मलेन को बीच में ही रद्द किया जा रहा है और दोनों नेताओं के बीच कोई भी समझौता नहीं हो पाया है।

    इस मुलाकात के बाद दक्षिण कोरिया की ख़ुफ़िया एजेंसी नें कहा था कि उत्तर कोरिया फिर से मिसाइल लांच करने की सोच रहा है और उसकी लांच साईट पूरी तरह से साफ़ नहीं है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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